- 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने का आदेश
- कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतना पङा महंगा
छपरा: जिले के मशरख़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनंत नारायण कश्यप को कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतना महंगा पड़ गया। सिविल सर्जन ने उनके वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है तथा 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब देने का आदेश दिया है। सिविल सर्जन डा माधवेश्वर झा ने बताया कि 15 नवंबर को स्थानीय लोगों ने फोन से बताया और संजीवनी समाचार ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया, कि करीबन आधा दर्जन मरीज घायल अवस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए लाए गए हैं, लेकिन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अनुपस्थित है। इस पर स्वयं सिविल सर्जन ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के मोबाइल पर कॉल किया तो, उनका मोबाइल बंद पाया गया।
जांच में यह बात सामने आई कि चार-पांच दिनों से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मुख्यालय में नहीं है । जबकि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को मुख्यालय में ही रहना है। बावजूद इसके बिना सूचना एवं बिना अवकाश स्वीकृति कराएं मुख्यालय से वह अनुपस्थित पाए गये। सिविल सर्जन ने इसे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के मनमानेपन, अनुशासनहीनता एवं दबंगता का प्रतीक बताया है और इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। सिविल सर्जन ने 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब मांगा है।
सिविल सर्जन ने बताया कि जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए सरकार को लिखा जाएगा। बताते चलें कि 15 नवंबर को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के अनुपस्थित रहने तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन नहीं रहने के कारण मारपीट की घटना में घायल एक महिला की मौत हो गई थी, जिसके कारण स्थानीय लोगों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया था, जिसके कारण विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई और उस पर काबू करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।