छपरा: लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन आज गुरुवार को खरना व्रत है। इसमें व्रतियों द्वारा छठी मैया को गुड़, अरवा चावल एवं दूध से बने रसिया का भोग लगाया जाता है। इसके पहले बुधवार को नहाय-खाय के महापर्व की शुरुआत हुई। अगो शुक्रवार को सांध्यकालीन सूर्य को तो शनिवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। कोरोना संक्रमण के काल में यह पहला छठ व्रत है, जिसमें संक्रमण से बचाव के तमाम ऐहतियाती उपाय किए गए हैं। श्रद्धालुओं की सहायता के लिए थानाध्यक्ष मशरक ने व्यवस्था सदृढ़ कर दिए हैं।
छठ पर्व को लेकर राजद विधायक केदारनाथ सिंह,उप प्रमुख साहेब हुसैन उर्फ टुनटुन, मुखिया संघ अध्यक्ष अमर सिंह, बहरौली मुखिया अजीत सिंह,सोनौली मुखिया संतोष परमार,पश्चिमी मुखिया दिलीप महतो,अरना से शिक्षक संतोष सिंह,बंगरा मुखिया प्रत्याशी रंजन कुमार सिंह, समाजसेवी कुंदन सिंह, पूर्वी पंचायत के पूर्व मुखिया छोटा संजय, सोनौली मुखिया प्रत्याशी इम्तेयाज खान उर्फ चुन्नू बाबू सहित कई जनप्रतिनिधियों ने जनता को बधाई भी दी है।
महापर्व के दूसरे दिन खरना आज
महापर्व के दूसरे दिन आज गुरुवार को खरना व्रत है। इस दिन व्रती पूरे दिन उपवास कर पान व सुपारी हाथ में लेकर स्नान करती हैं। आचार्य वाचस्पति तिवारी ने बताया कि खरना अंत:करण को शुद्ध करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन छठवर्ती दिन भर उपवास करती हैं तथा पान व सुपारी हाथ में लेकर स्नान करती हैं। इस दिन गुड़, अरवा चावल एवं दूध से रसिया बनाया जाता है, जिसका शाम में छठी मैयाको भोग लगाया जाता है। कवलपुरा गांव के आचार्य राघो पांडेय के अनुसार खरना के दिन ही छठी मैया का आह्वान कर एकांत में भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि छठी मैया एकांत व शांत स्थान पर ही भोग ग्रहण करती हैं।