पटना: बिहार सरकार अंचल कार्यालयों में सुधार को लेकर कई उपाय किए हैं. सरकार की कोशिश है कि अंचलाधिकारियों पर नकेस कसी जाये।क्यों कि अँचल में पदस्थापित सीओ बेवजह कामों को लटका कर रखते हैं और आवेदकों को दौड़ाते हैं.अंच में कार्यप्रणाली में सुधार लाने को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अंचलाधिकारियों के काम के आधार पर रैंकिंग तय कर रही है.
अलीनगर अँचल नंबर-1 पर
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग हर महीने बेहतर और खराब काम करने वाले अंचलाधिकारी की रैंकिंग जारी कर रही है. एक बार फिर से राजस्व विभाग ने काम के आधार पर रैंकिंग तय की है. नंबर वन पर दरभंगा का अलीनगर अंचल है जिसे 99.81 परसेंट नंबर मिला है. दूसरा सबसे बेहतर काम करने वाला अंचल मधुबनी का पंडौल है। तीसरे नंबर पर पश्चिम चंपारण का रामनगर, चौथे नंबर पर कटिहार का मनिहारी अंचल और पांचवें नंबर पर भागलपुर का इस्लामपुर अंचलाधिकारी का कार्य रहा। इन पांचों अंचल ऊपर से एक से पांच तक की रैंकिंग में हैं.
सबसे खराब प्रदर्शन पतरघाट अंचल का रहा
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार सबसे खराब परफॉर्मेंस वाला अँचल सहरसा का पतरघाट है जो सबसे निचले पायदान यानि 534 रैंक मिला है. नीचे से दूसरे स्थान पर दरभंगा का बहेरी अंचल है जिसे 533 रैंक मिला है. पश्चिम चंपारण का नौतन नीचे से तीसरे नंबर पर यानि 532 नंबर पर,अररिया का भरगामा को 531 रैंक और बांका के चानन अंचल को 530 रैंक मिला है. इस तरह से ये पांचों अंचल बिहार के सबसे खराब प्रदर्श करने वाले रहे।