नये साल में मिलेंगी पीएचसी में महिला चिकित्सक, फार्मासिस्ट का रूका वेतन
छपरा: मशरख प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का एक महीने में दूसरी बार औचक निरीक्षण के लिए बुधवार को सारण के सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झां पहुंचे।उनके पीएचसी केन्द्र पर पहुंचते ही कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।औचक निरीक्षण के दौरान डीपीएम अरविंद कुमार, डॉ रिजवान अहमद, डॉ आशीफ इकबाल, डॉ मनोरंजन सिंह, डॉ संजीव सिंह, स्वास्थ्य प्रबंधक परवेज रजा,प्रखंड स्वास्थ्य मूल्यांकन पदाधिकारी प्रियाशु प्रकाश, एकाउंटेंट जगनारायण उपस्थित थे। मौके पर उन्होंने पीएचसी परिसर का घूम घूम कर जायजा लिया। जिसमें उपरी तलें में शौचालय की सफाई और पीएचसी भवन के उपरी छत के खाली हिस्से में भी सफाई का विशेष ध्यान देने की बात बताई।
वही उन्होंने डिलेवरी रूम में कार्यरत एएनएम से गर्भवती महिलाओं की डिलेवरी में समस्याओं के बारे में जाना। मौके पर उन्होंने मीडिया को बताया कि सरकार द्वारा स्वास्थय सेवाओं में गुणवत्तापूर्ण सेवा देने के उद्देश्य से पीएचसी में उपलब्ध सेवाओं में और सुधार किया जा रहा है। जिसकी जांच के लिए वे यहां पहुंचे हैं और सभी उपलब्ध सेवाओं पर गुणवता की जांच पड़ताल की गई है। जांच के दौरान उन्होंने सभी चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की समीक्षा बैठक की जिसमें सभी से उनके कार्यों की प्रगति रिपोर्ट की जानकारी ली गयी। सिविल सर्जन सारण ने सख्त लफ़्ज़ों में चेतावनी देते हुए कहा कि मशरक पीएचसी में सरकार द्वारा चल रहे स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की शिकायत पर कारवाई तय है।
वही मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि नये साल में मशरक पीएचसी में महिला चिकित्सक समेत और चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की जाएंगी और पारा मेडिकल कर्मचारियों की जो भी कमी है उसे भी जल्द ही पूरा किया जाएगा। सिविल सर्जन सारण से रोगी कल्याण समिति सदस्य राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने मौके पर सिविल सर्जन को बताया कि देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री की गर्भवती महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा अभियान योजना के तहत महीने के 9 तारीक को कैम्प लगाकर जांच करना है जिसमें सभी आये महिलाओं को नाश्ता देना है जो इस पीएचसी में जब यह योजना चल रही है उन्हें यह सुविधा कभी दी भी नहीं गयी है। मामले में सिविल सर्जन सारण ने मामले में अविलंब कारवाई का भरोसा दिलाया। वही उन्होंने बताया कि जांच के दौरान एक चिकित्सक और तीन स्वास्थ्य कर्मी की उपस्थिति काट दी गई साथ ही पीएचसी में फार्मासिस्ट के बिना बताएं नही रहने पर वेतन रोकने की कार्रवाई की जा रही है।