पटना: चौकीदार के इलाके में शराब बन या बिक रही है तो वह स्थानीय थाना को इसकी सूचना देंगे। थाना उक्त सूचना पर कार्रवाई करेगा। चौकीदार यदि सूचना नहीं देते हैं और शराब की बरामदगी होती है तो लापरवाही के आरोप में उन पर कार्रवाई की जाएगी बिहार में शराबबंदी को लागू किए 3 साल से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक इसके प्रभावी नहीं बनाया जा सका है। शराबबंदी को लेकर चुनाव के समय ये मुद्दा सुर्खियों में रहा अब राज्य सरकार इस नियम को प्रभावी करने के लिए नए कदम उठाने की ओर अग्रसर है। अब राज्य में शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए चौकीदारों की मदद ली जाएगी। गांव के हर गतिविधि पर चौकीदार की नजर होती जा रही है, ऐसे में शराब कहां बन रही है, कहां बिक रही है और कौन बेच रहा है, इसकी भी खबर उन्हें रखनी होगी। शराब का धंधा होने पर चौकीदार इसकी खबर थाना को देंगे। चौकीदारों के जरिए शराब के धंधेबाजों पर शिकंजा कसा जाएगा।
जानकारी के मुताबिक शराब के धंधे को रोकने के लिए चौकीदारों की मदद लेने को कहा गया है। हर गांव के लिए चौकीदार की नियुक्ति होती है। इनका इलाका बड़ा नहीं होता लिहाजा ये गांव की गतिविधियों पर आसानी से नजर रख सकते हैं। ऐसे में कहीं शराब का निर्माण या बिक्री हो रही है तो चौकीदार को इसकी जानकारी आसानी से मिल सकती है। इसे देखते हुए शराब के धंधे को रोकने के लिए चौकीदारों का इस्तेमाल आसूचना संग्रह में ज्यादा से ज्यादा करने के निर्देश दिए गए हैं।
लापरवाही बरतेंगे तो कार्रवाई होगी
चौकीदार के इलाके में शराब बन या बिक रही है तो वह स्थानीय थाना को इसकी सूचना देंगे। थाना उक्त सूचना पर कार्रवाई करेगा। चौकीदार यदि सूचना नहीं देते हैं और शराब की बरामदगी होती है तो लापरवाही के आरोप में उनपर कार्रवाई हो सकती है।
एसपी के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं चौकीदार
चौकीदार पहले डीएम के प्रशासनिक नियंत्रण में होते थे। इनका काम पुलिस से मिलता-जुलता है लिहाजा राज्य सरकार ने इसमें बदलाव किया है। अब चौकीदार एसपी के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं। ऐसे में पुलिस इनका बेहतर इस्तेमाल कर सकती है।
होगी समीक्षा
शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए पुलिस के स्तर से क्या कार्रवाई की गई इसकी समीक्षा थाना स्तर पर होगी। सूत्रों के मुताबिक आला पुलिस अधिकारी देखेंगे कि कितनी शराब बरामद हुई, शराब के धंधे में लिप्त लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।