- सदर अस्पताल में पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर हुआ आयोजन
- सभी प्रखंडों के आशा कार्यकर्ताओं को दिया जायेगा प्रशिक्षण
- पांच बैच में पूरा होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
- एक बैच में 30 आशा को पांच दिन देना है प्रशिक्षण
छपरा: सदर अस्पताल में पाचं दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें गैर संचारी रोगों की रोक थाम को लेकर आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ करते गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. एचसी प्रसाद ने कहा कि गर्भवती व बच्चे के स्वास्थ्य पर नजर रखने के साथ आशा कार्यकर्ताओं पर अब नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (गैर संचारी रोगों) पर नजर रखने की जिम्मेदारी होगी। आशा कर्मी घर-घर जाकर कैंसर, मधुमेह, हृदयवाहिका रोग और लकवा आदि के मरीजों की लक्षणों व सामान्य जांच के आधार पर ऐसे मरीजों को चिह्नित करेंगी। रोजाना आशा कार्यकर्ता लगभग 25 घरों का सर्वे करेंगी। साथ ही गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचाकर इलाज में मदद करेंगी। ताकि नियत समय पर ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज हो सकेगा। पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में 30 आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया। एक बैच में 30 आशा को शामिल किया गया। कुल 5 बैच तैयार किया गया है।
रोगों की पहचान और रोकथाम के लिए काम करेंगी आशा
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि सामान्य भाषा में ऐसा रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है, गैर संचारी रोग कहलाता है। ऐसे गैर संचारी पांच रोगों की पहचान और रोकथाम के लिए आशाएं काम करेंगी। इन रोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर, बच्चेदानी के मुंह का कैंसर शामिल है। ये सभी रोग खान-पान तथा रहन सहन के स्तर पर निर्धारित होते हैं।
सी बैक फार्म व फैमिली फोल्डर फार्म बनायेंगी आशा कार्यकर्ता
रोगों की पहचान व इलाज में मदद कराने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण पाकर आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र के 30 की उम्र पार कर रहे स्त्री व पुरुषों का सी बैक फार्म व फैमिली फोल्डर फार्म भरेंगी। वेलनेस सेंटर पर कार्यरत एएनएम फार्म को एनसीडी एप्लीकेशन पर अपलोड करेंगी। बीमारी की पुष्टि होने पर पीड़ित को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लाकर इलाज शुरू किया जाएगा।
कुल छह बिन्दुओं पर ली जाएगी जानकारी
अभियान को सफल बनाने के लिए सभी आशा को सी-बैक फॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा। अपने-अपने क्षेत्रों में आशा घर-घर जाकर लोगों से पूछताछ करेंगी और चिह्नित रोगों के बारे में जानकारी लेकर फॉर्मेट में भरेगी। भरे हुए फॉर्मेट की सहायता से एएनएम टेबलेट के जरिए जानकारियों को एनसीडी एप पर अपलोड करेगी। मरीजों से कुल 6 बिन्दुओं पर जानकारी ली जाएगी। आशा द्वारा स्क्रिनिग किए गए मरीजों को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज के लिए प्रेरित किया जाएगा।