परवेज़ अख्तर/सिवान:
कोरोना काल के दौरान लगाए गए लॉकडाउन का पालन मंडलकारा में अभी भी किया जा रहा है। इसमें बंदियों को उनके स्वजनों ने मुलाकात पर फिलहाल संक्रमण के फैलने के डर से रोक है। ऐसे में बंदी अपने स्वजनों से मुलाकात और उनकी एक झलक पाने के लिए परेशान हैं। इसको देखते हुए मंडलकारा में लगे पीसीओ से बंदियों की उनके स्वजनों से फोन पर बात कराई जा रही है। बंदियों को फोन पर एक महीने में स्वजनों से 30 मिनट बात करने की सुविधा दी गई है। बंदी भी इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।
मंडलकारा प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार कारा में बने पीसीओ के माध्यम से प्रतिदिन 10 से 15 बंदियों की बात उनके स्वजनों से कराई जा रही है, ताकि उन्हें घरवालों की कमी न खले। इसमें वह अपने घर के लोगों से बात कर अपनों का हालचाल लेते हैं। बता दें कि पीसीओ में बात करने से पहले बंदियों के हाथ को सैनिटाइजर से साफ कराया जाता है। इसके बाद कोविड-19 के नियमों का पालन भी कराया जाता है ताकि संक्रमण के फैलने का खतरा न रहे।
बात करने के लिए देते हैं तीन नंबर
कारा अधीक्षक ने बताया कि मंडलकारा में बंद बंदी पीसीओ से बात करने के लिए तीन नंबर को देते हैं। इसमें एक अधिवक्ता, एक स्वजन व एक डॉक्टर का नंबर होता है। तीनों नंबर का सत्यापन कराया जाता है। इसके बाद उसे अपलोड किया जाता है। सारी सत्यता के बाद बंदियों को उनसे बात करने की अनुमति दी जाती है।
कहते हैं अधिकारी
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बंदियों की मुलाकात बंद है। इस कारण मंडलकारा में लगे पीसीओ से बंदियों की उनके स्वजनों से फोन पर बात कराई जा रही है। बंदी फोन पर महीने में स्वजनों से 30 मिनट बात कर सकते हैं, जो नि:शुल्क होती है। पीसीओ के माध्यम से प्रतिदिन 10 से 15 बंदियों की बात घरवालों से कराई जा रही है।
संजीव कुमार
कारा अधीक्षक, सिवान