- केंद्रों पर मिलने वाली सुविधाओं पर की गयी चर्चा
- गठित सामाजिक अंकेक्षण समिति ने किया ऑडिट
- आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध आधारभूत संरचनाओं की हुई समीक्षा
छपरा: जिले में संचालित सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का सामाजिक अंकेक्षण किया गया। सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से अंकेक्षण का कार्य किया गया। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी वंदना पांडेय ने बताया सामाजिक अंकेक्षण में विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी। जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र संचालन में अनियमितता, बच्चों की उपस्थिति की समीक्षा, माह में कम से कम 25 दिनों तक लाभार्थियों को पूरक पोषाहार, टीएचआर की आपूर्ति की समीक्षा, बच्चों का टीकाकरण एवं पोषक की स्थिति की समीक्षा, कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों की समीक्षा, स्कूल पूर्व शिक्षा की क्रियाशीलता की समीक्षा, बाल कुपोषण मुक्त बिहार से संबंधित सामग्रियों की उपलब्धता एवं उनका उपयोग, आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्थापित नियमों के आलोक में उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा (आधारभूत संरचना, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, खेलने की जगह, स्कूल पूर्व शिक्षा किट्स, मेडिसिन किट्स, खाना बनाने एवं खाने हेतु बर्तन आदि सहित) की गयी। वहीं सामाजिक अंकेक्षण के माध्यम से आमजन को आंगनवाड़ी केंद्र के तहत संचालित योजनाओं की जानकारी देने एवं जागरूक किया गया।
गठित सामाजिक अंकेक्षण समिति ने किया अंकेक्षण
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी वंदना पांडेय ने बताया आंगनबाड़ी केंद्रो के अंकेक्षण के लिए अंकेक्षण समिति में स्थानीय वार्ड के सदस्य को अध्यक्ष, पंचायत सचिव या विकास मित्र के सदस्य, योग्य महिला लाभार्थी की दो सदस्य, आशा कार्यकर्ता या एएनएम को सदस्य, समुदाय आधारित संस्था को सदस्य, समुदाय (शिक्षक, सेवानिवृत सरकारी कर्मी, आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के कुल चार अभिभावक जिसमें एक महिला एवं दो शिक्षक या सेवानिवृत सरकारी कर्मी) को सदस्य, किशोरी या सखी (सबला कार्यक्रम के तहत) को सदस्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यन्त पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग के दो सदस्य- इसमें एक महिला हो को सदस्य, महिला पर्यवेक्षिका को सदस्य तथा सेविका को संयोजक बनाया गया था।
योजनाओं का शत प्रतिशत अनुपालन की निगरानी के लिए हुआ अंकेक्षण
पोषण अभियान के जिला समन्वयक सिद्धार्थ सिंह ने बताया सभी पंचायतों के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में सामाजिक अंकेक्षण कराया गया। विदित हो कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर देय लाभ, सरकारी योजनाओं का शत प्रतिशत अनुपालन की निगरानी सह अनुश्रवण के लिए वर्ष में प्रत्येक छः माह पर स्थानीय वार्ड सदस्य, वार्ड पंच, आशा, जीविका, स्वयं सहायता समूह के सदस्य, अवकाशप्राप्त सरकारी कर्मी, आंगनबाड़ी सेंटर से जुड़े लाभुकों के साथ संयुक्त रूप से पोषक क्षेत्र के गर्भवती, धातृ अभिभावक महिला, पुरूष के संयुक्त रूप से समाजिक अंकेक्षण कराया गया।