परवेज़ अख्तर/सिवान:
जिले के बड़हरिया थाना क्षेत्र के सावना गांव से 12 दिसंबर को गायब युवक का शव गांव के ही बगल स्थित चिमनी समीप गड्ढे से रविवार की दोपहर पुलिस ने बरामद किया। घटना की जानकारी होते ही काफी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। मृतक सावना निवासी चंद्रमा भगत का पुत्र नितेश कुमार है। आशंका जताई जा रही है कि अपराधियों ने उसकी हत्या कर शव को फेंक दिया है। इस मामले में स्वजनों ने गांव के ही दो युवकों के खिलाफ अनहोनी की आशंका जताते हुए पुलिस को लिखित बयान देकर अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बताया जाता है कि सोमवार को ग्रामीण चिमनी के तरफ गए थे। गड्ढे में एक युवक का शव उपलाते हुए देखा। इसकी सूचना मिलते ही काफी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए।
शव देखने से प्रतीत हो रहा था कि युवक जिस दिन से लापता था उस दिन ही उसकी हत्या कर दी गई है और शव को गड्ढे में फेंक दिया गया था। 9 दिनों के अंदर जंगली जानवरों ने शव को नोच दिया था। जिससे उसकी शिनाख्त नहीं हो पा रही थी। इधर शव मिलने की सूचना पर नितेश का भाई राजन कुमार वहां पहुंचा और शव से मिले जैकेट के पॉकेट से बरामद ट्रैक्टर की चाबी तथा पहने वस्त्र से उसकी पहचान अपने भाई के रूप में की। पहचान होते ही स्वजनों में कोहराम मच गया। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष मनोज कुमार, एसआइ राजकुमार कश्यप, शैलेश कुमार सिंह, शैलेंद्र राय दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे जांच में जुट गए। थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
12 दिसंबर से रहस्यमय ढंग से गायब था युवक
थाना क्षेत्र के सावना गांव निवासी चंद्रमा भगत का पुत्र नितेश कुमार 12 दिसंबर की रात से ही रहस्यमय ढंग से लापता हो गया था। इसकी सूचना स्वजनों ने बड़हरिया थाने में देते हुए गांव के ही दो लोगों क्रमश: हैप्पी कुमार और नीरज कुमार के विरुद्ध उसे गायब करने का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस कांड संख्या 368/20 दर्ज मामले की छानबीन कर रही थी तभी गायब युवक का शव गांव के बगल में चिमनी के पास गड्ढे से मिला। बताया जाता है कि 12 दिसंबर की रात गांव के ही हैप्पी कुमार व नीरज कुमार एक शादी में शामिल होने के बहाने नितेश को बुलाकर ले गए थे।
घटना के बाद स्वजनों में मचा कोहराम
नितेश कुमार का शव मिलते ही स्वजनों में कोहराम मच गया। पिता चंद्रमा भगत, मां भगवती देवी, भाई राजन कुमार सहित अन्य स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। बताया जाता है कि नितेश कृषि कार्य से जुड़ा था। वह गांवों में अपना ट्रैक्टर चलाने का काम करता था।