- जिले में कायाकल्प योजना से बदलेगी स्वास्थ्य संस्थानों की तस्वीर
- सिवान के डीपीएम व केयर इंडिया ने किया निरीक्षण
- सदर अस्पताल समेत 7 स्वास्थ्य केंद्रों का होगा कायाकल्प
गोपालगंज: जिले में स्थित सरकारी अस्पतालों की तस्वीर बदलने वाली है या यूं कहें कि उसमें कई तरह के बदलाव नजर आएंगे। असल में, विभाग ने कायाकल्प योजना के लिए स्वास्थ्य केंद्र का सहकर्मी मूल्यांकन शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य केंद्रों में स्वच्छता तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिए लागू कायाकल्प अवार्ड योजना के तहत जिले के 7 स्वास्थ्य संस्थानों को चिन्हित किया गया है। जिसका स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व केयर इंडिया के टीम के द्वारा मूल्यांकन किया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को सिवान जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ठाकुर विश्व मोहन, डीपीसी इमामुल होदा, केयर इंडिया के एफपीसी आंनद कुमार सिन्हा ने रेफरल अस्पताल भोरे, कटेया, फुलवरिया व बैकुंठपुर का मूल्यांकन किया। डीपीएम ने बताया स्वास्थ्य केद्रों में मौजूद विधि-व्यवस्था का मूल्यांकन किया जा रहा है। यहां मौजूद स्वास्थ्य सेवाओं को बारीकी से मूल्यांकन कर उन्हें और बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जाना है। इस मौके पर गोपालगंज के डीपीएम धीरज कुमार व अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे।
इन स्वास्थ्य केंद्रों का हो रहा है मूल्यांकन
- सदर अस्पताल, गोपालगंज
- अनुमंडलीय अस्पताल, हथुआ
- रेफरल अस्पताल, भोरे
- रेफरल अस्पताल, कटेया
- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, कुचायकोट
- प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा केन्द्र, बैकुंठपुर
- रेफरल अस्पताल, फुलवरिया
कायाकल्प योजना के तहत 250 बिदुओं होती है जांच
डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ने बताया कि केंद्र की कायाकल्प योजना के तहत स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में सुविधाओं के आधार पर लगभग 250 बिदुओं पर जांच की जाती है। इनमें सात बिंदु प्रमुख होते हैं, जिसमें मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं, सफाई, मैनेजमेंट, सामाजिक कार्य, मरीजों का भोजन आदि शामिल हैं। इन बिंदुओं के आधार पर स्वास्थ्य केंद्र को 500 तक अंक दिए जाते हैं। इस योजना के लिए जारी की गई सूची में अच्छे अस्पताल की विशेषताएं बताई गई हैं। जिसमें अस्पताल की स्वच्छता, अस्पताल से निकलने वाले कचरे का सही इंतजाम, अस्पताल के फूलों की क्यारी की स्थित व बिजली का बेहतर प्रयोग आदि प्रमुख हैं।
क्या है कायाकल्प योजना
‘कायाकल्प’ अभियान की शुरूआत 15 मई, 2015 को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने किया। पहल का उद्देश्य सभी जन स्वास्थ्य सुविधाओं को विशिष्ट मानकों की दिशा में प्रोत्साहित करना है। साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाया जाना है। इस पहल के अधीन पांच पुरस्कार दिए जाएंगे।
मूल्यांकन को 8 बिन्दुओं का हुआ है निर्धारण
विभाग ने मूल्यांकन के लिए आठ बिदुओं का निर्धारण किया है। इसके अंतर्गत अस्पताल सही मानकों पर कार्य कर रहा है या नहीं यह देखा जाना है। इसके साथ ही सैनिटेशन, हाइजीन, वेस्ट मैनेजमेंट, सपोर्ट सर्विस, इंफेक्शन कंट्रोल, हाइजीन प्रमोशन, बांउड्रीवाल आदि अन्य बिन्दुओं पर जांच की जानी है। इन्हीं मापदंडों के आधार पर अस्पताल को अंक दिए जाएंगे।