छपरा: छपरा सदर अस्पताल के ओपीडी स्थित अस्पताल उपाधीक्षक कार्यालय कक्ष में में सिविल सर्जन सह अध्यक्ष रोगी कल्याण समिति डॉ माधवेश्वर झा की अध्यक्षता में रोगी कल्याण समिति की बैठक आयोजित की गयी. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की गयी. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि स्वास्थ्य सुविधाओं को और भी बेहतर बनाया जाएगा वहीं अस्पताल को दलाल मुफ्त किया जाएगा. जिससे कि मरीजों का शोषण बंद हो सके. इसके लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को पहचान पत्र उपलब्ध कराया जाएगा. सदर अस्पताल के ओपीडी परिसर को सीसी टीवी कैमरे से लैस किया जायेगा. इसके साथ हीं ओपीडी के मुख्य गेट का निर्माण रेम्प पर चेकर टाइल्स लगाकर किया जायेगा.
सदर अस्पताल में साइकिल स्टैंड संचालन को लेकर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया. सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने कहा कि अस्पताल में काफी मात्रा में अनुपयोगी सामग्री है जिसके रखरखाव में असुविधा हो रही है. जिसे बेचना आवश्यक है। इस पर निर्णय लिया गया कि टेंडर निकाल कर इसकी बिक्री की जायेगी. सदर अस्पताल के पीछे की सड़क पर बनाये गये दिवाल को लेकर सदस्यों ने दोनों तरफ रिवाल्विंग गेट लगाने की मांग की, जिस पर सिविल सर्जन ने कहा कि इसके लिए जिला पदाधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य है. उनके आदेशानुसार कार्य किया जायेगा। बैठक में सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा, उपाधीक्षक डॉ राम इकबाल प्रसाद, स्वास्थ्य प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद, प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक गणपत आर्यन, लेखापाल बंटी कुमार रजक, रोगी कल्याण समिति के सदस्य डॉ विजयारानी, उदय प्रताप सिंह, विजय प्रताप सिंह, सैफदीन खान, मनोहर मानव समेत अन्य मौजूद थे.
निशुल्क रहेगा ईसीजी व फिजियोथेरेपी
रोगी कल्याण समिति की बैठक में ईसीजी जांच व फिजिथेरेपी पर शुल्क निर्धारण को लेकर विचार किया गया. जिसमें सदस्यों द्वारा यह निर्णय लिया गया कि रोगियों के जनहित में इस पर शुल्क लागू नहीं किया जाना चाहिए. यह पूरी तरह से निशुल्क रहेगा.
निरंतर स्वास्थ्य सेवाओं में हो रहा है सुधार
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है. अब सदर अस्पताल में सिटी स्कैन की सुविधा भी मिलेगी. एक सप्ताह के अंदर सिटी स्कैन चालू हो जायेगा. इसके साथ हीं कर्मियों की कमी को भी पूरा किया गया है. अबतक 61 स्टाफ नर्स व 15 नये डॉक्टर आ चुके हैं. इससे डॉक्टरों व नर्सों की कमी को काफी हद पूरा किया गया है. सदर अस्पताल के आईसीयू को सुचारू कर दिया गया है. आईसीयू में ही पीआईसीयू खोला जायेगा। जिसमें बच्चों को भर्ती किया जा सकेगा.