परवेज़ अख्तर/सिवान:
शहर के वीएम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर स्थित जिला केंद्रीय पुस्तकालय में रविवार को जनवादी लेखक संघ व जनवादी सांस्कृतिक मोर्चा जिला इकाई के संयुक्त तत्वावधान में प्रख्यात रंगकर्मी व नाटककर सह साहित्यकार सफदर हाशमी के 31वां शहादत दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जलेस के उपाध्यक्ष युगुल किशोर दुबे ने की। कार्यक्रम के प्रारंभ में शिक्षाविद् अरुण कुमार सिंह ने आलेख पाठ करते हुए कहा कि जब तर्क और विज्ञान को धमकाया जा रहा हो, लोगों को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा हो, एक खास विचारधारा थोपने की कोशिश की जा रही हो और सत्ता के निरंकुश होने की परिस्थिति में सफदर हाशमी प्रासंगिक हैं। प्रगतिशील लेखक संघ एवं पीपुल्स कल्चर स्क्वॉयड के सचिव रंगकर्मी डर. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने आलेख पाठ का जोरदार समर्थन करते हुए कहा कि सफदर हाशमी एक सिद्धांत का नाम है और सिद्धांत कभी मरता नहीं।
स़फदर हाशमी ने दलित, शोषित, पीड़ित, मजदूरों, किसानों के बेहतर जिदगी एवं समतामूलक सुंदर समाज के निर्माण के लिए अपनी शहादत दे दी थी। कहा कि आज तमाम रंगकर्मी लाल झंडे के साथ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन कर उनकी आवाज बुलंद कर रहे हैं। तत्पश्चात वरीय अधिवक्ता रविद्र सिंह ने अपनी अभिव्यक्ति में कहा कि सफदर हाशमी की शहादत के अवसर पर आज तमाम उन शोषित जनता को जागृत करने की आवश्यकता है। जो दमनकारी सत्ता के शिकार हैं। अन्य वक्ताओं में डॉ के. एहतेशाम, डॉ दयानंद सिंह, वरीय अधिवक्ता जगदीश प्रसाद सिंह, प्रो. उपेंद्र यादव, वामदेव प्रसाद वर्मा, विक्रम पंडित, जगन्नाथ प्रसाद, शशि कुमार, गणेश राम, डा. योगेंद्र प्रसाद, फखरे आलम, नीरज यादव, रामनरेश प्रसाद, परमा चौधरी, अवधेश पांडेय, उपेंद्र कुमार, भोगेंद्र झा समेत अन्य गणमान्य लोग शामिल थे। कार्यक्रमों का सफल संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन जलेस के सचिव मार्कंडेय दीक्षित ने किया।