- मिशन परिवार विकास अभियान को लेकर मीडिया कार्यशाला का हुआ आयोजन
- जिले में 14 जनवरी से चलेगा मिशन परिवार विकास अभियान
- सिविल सर्जन व एसीएमओ ने किया कार्यशाला का उद्घाटन
- सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से हुआ कार्यशाला
गोपालगंज: स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार करने में परिवार नियोजन सहायक है। समाज की प्रथम इकाई परिवार होती है। जिसकी सामाजिक आर्थिक एंव व्यक्तिक स्वास्थ्य की बेहतर बुनियाद जरूरी है। इसके लिए समिति परिवार रखना जरूरी है। परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरूआत समिति परिवार एवं खुशहाल परिवार की आधारशीला पर हीं तैयार की गयी है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ. टीएन सिंह ने मंगलवार को सदर अस्पताल क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा मिशन परिवार विकास अभियान पर आयोजित मीडिया कार्यशाला के दौरान कही। डॉ. सिंह ने बताया मिशन परिवार विकास मिशन के तहत जिले में जिले में 14 से 31 जनवरी 2021 तक मिशन परिवार विकास अभियान का आयोजन किया जायेगा। दो चरणों में अभियान चलाया जायेगा। 14 से 20 जनवरी तक दम्पती संपर्क सप्ताह एवं 21 से 31 जनवरी तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का आयोजन किया जायेगा। मिशन परिवार विकास अभियान का आयोजन सभी स्वास्थ्य संस्थानों में किया जायेगा। सीएस ने कहा कि परिवार नियोजन में पुरूषों की भागीदारी जरूरी है। परिवर नसबंदी बहुत सरल है। इससे पुरूषों के स्वास्थ्य पर कोइर असर नही पड़ता है। इसके पूर्व सिविल सर्जन डॉ. टीएन सिंह, एसीएमओ डॉ. एके चौधरी, प्रभारी डीसीएम नीखत परवीन, केयर इंडिया डीटीएल मुकेश कुमार सिंह, सीफार राज्य सहायक प्रोजेक्ट मैनेजर रंजीत कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला का संचालन रंजीत कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक गणपत आर्यन ने किया।
दो चरणों में पूरा होगा मिशन परिवार विकास अभियान
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एके चौधरी ने बताया सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी 14 से 20 जनवरी तक दम्पती संपर्क सप्ताह का आयोजन करेंगे। आमजन में जागरूकता लाने के लिए सही उम्र में शादी, शादी के कम से कम दो साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम तीन साल का अंतर, प्रसव पश्चात या गर्भपात पश्चात परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधान एवं परिवार कल्याण ऑपरेशन में पुरुषों की भागीदारी पर अधिक बल दिया जाएगा। साथ ही इस दौरान परिवार कल्याण कार्यक्रम अन्तर्गत उपलब्ध अस्थायी एवं स्थायी उपायों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। 21 से 31 जनवरी तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का चलेगा।
समुदाय को जागरूक करने में मीडिया की भूमिका अहम
कार्यशाला का संचालन करते सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहायक राज्य कार्यक्रम प्रबंधक रंजीत कुमार ने कहा परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता लोगों में इसके प्रति जागरूकता पर अधिक निर्भर करती है। उन्होने मीडिया कर्मियों परिवार नियोजन सेवाओं पर समुदाय को निरंतर जागरूक करने की अपील की। उन्हींने कहा कार्यक्रम का बेहतर क्रियान्वयन स्वास्थ्य महकमा तो कर सकता है लेकिन इसके विषय में समुदाय को जागरूक करने में मीडिया की भूमिका अहम है।
पांच वर्षों में परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने में 48.3 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी
केयर इंडिया के डीटीएल मुकेश कुमार सिंह ने पीपीटी के माध्यम से बताया विगत 5 सालों में जिले में 48.3 प्रतिशत से महिलाओं ने परिवार नियोजन के किसी भी साधन को अपनाने में दिलचस्पी दिखाई है. हाल ही में जारी किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 द्वारा जारी किए गए नए आंकड़ों के अनुसार जिले में में कंडोम इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में भी 4 गुणा वृद्धि हुयी है, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4(2015-16) के अनुसार पहले 9.0% महिलाएं ही परिवार नियोजन के किसी भी साधन को अपना रही थी, जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5(2019-20) के अनुसार अब बढ़कर 57.3% हो गयी है। वहीं वर्ष 2015-16 में केवल 8.8 प्रतिशत महिलाएं ही परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों का इस्तेमाल करती थी, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 39.5% हो गयी।
महिला बन्ध्याकरण में भी 20% की वृद्धि
डीसीएम निखत परवीन ने कहा जनसंख्या स्थिरीकरण के लिहाज से महिला बन्ध्याकरण एवं पुरुष नसबंदी की उपयोगिता काफी बढ़ जाती है. इस दिशा में अब भी महिलाएं ही यह जिम्मेदारी निभा रही है। वर्ष 2015-16 में सिर्फ 7.1% महिलाओं ने बन्ध्याकरण को अपनाया था, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 27.1% हो गयी. इस तरह विगत 5 सालों में लगभग 20 % अधिक महिलाओं ने बन्ध्याकरण को अपनाया है।