परवेज अख्तर/सिवान :- जिले के गोरेयाकोठी थाने में तैनात एएसआई द्वारा केस से नाम निकालने के लिए 50 हजार रिश्वत मांगने की खबर हिन्दुस्तान अखबार में छपने के बाद एसपी ने इसे गंभीरता से लिया है। शनिवार को एसपी नवीनचंद्र झा एएसआई व केस का आईओ रहे किशोर पंडित और चौकीदार रंजीत को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही इस मामले में संलिप्त गोरेयाकोठी के तत्कालीन थानाध्यक्ष अमित कुमार पर भी गाज गिराने का संकेत दिया है। एसपी इस संबंध में उसकी भूमिका की जांच कर रहे हैं। माना जा रहा है कि उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जा सकती है। फिलहाल अमित कुमार लाइन हाजिर हैं।
चौकीदार के माध्यम से रिश्वत देने का बना रहा था दबाव
केस के आईओ किशोर पंडित स्थानीय चौकीदार के माध्यम से रिश्वत मांग कर रहा था। वायरल ऑडियो में आईओ चौकीदार रंजीत को पैसे दे देने की बात कह रहा है। वहीं हिमाचल दूबे और अंकित खुद को बेकसूर बताते हुए पैसे देने में आनाकानी कर रहे थे। दरअसल गोरेयाकोठी थाने में दर्ज कांड संख्या 30/18 में आज्ञा गांव के शत्रुघ्न दूबे के चार पुत्र हिमाचल दूबे, नन्हे दूबे, अंकित दूबे व मुकुल दूबे के अलावा उनकी पत्नी मीना देवी को अभियुक्त बनाया गया है। शत्रुघ्न दूबे के पट्टीदार शंभू दूबे ने इन पर मारपीट करने व हत्या की कोशिश का आरोप लगाया था। कहा था कि हिमाचल दूबे अपने भाइयों के साथ शंभू दूबे की फसल काट रहा था। इसी बीच शंभू वहां पहुंचे। मना करने पर हिमाचल दूबे व अंकित ने उनके गले में मफलर डाल कर उनकी हत्या करने की कोशिश की। थाने में दर्ज रिपोर्ट में यह घटना 17 फरवरी को शाम 4 बजे की बतायी जा रही है।
बेगुनाही का दिया था साक्ष्य
हिमाचल दूबे व अंकित दूबे ने पुलिस को अपनी बेगुनाही का साक्ष्य दिया था। जिसमें हिमाचल दूबे व उनका भाई अंकित दूबे 8 फरवरी से 17 फरवरी तक पटना स्थित डीएनएस क्षेत्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान में मत्स्य पालन का प्रशिक्षण ले रहे थे। इस संबंध में केस के आईओ किशोर पंडित ने पटना स्थित संस्थान में पता लगाया। जहां से यह स्पष्ट हो गया है 17 फरवरी को दो बजे दिन तक हिमाचल दूबे व अंकित दूबे पटना में थे। केस के सुपरविजन करने पहुंचे महाराजगंज रेंज के इंस्पेक्टर ने हिमाचल और अंकित को इससे बरी कर दिया, लेकिन रिपोर्ट में इसकी भूमिका की जांच करने का सुझाव दिया। केस के आईओ इसी को आधार बना कर हिमाचल दूबे से रिश्वत की मांग कर रहा था।