छपरा: सीआईबी टीम ने बनियापुर में सात करोड़ रुपए के ई टिकट के अवैध कारोबार का किया भंडाफोड़

0

दलाल गिरफ्तार, आईआरसीटीसी के नाम पर फर्जी तरीके से चला रहा था ट्रैवलिंग एजेंसी

छपरा: पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन के सीआईडी की टीम ने करीब सात करोड़ रुपए के ई टिकट के अवैध कारोबार किए जाने का खुलासा शुक्रवार की शाम को किया। इस मामले में सीआईबी की टीम ने बनियापुर थाना क्षेत्र के भिठ्ठी देव लक्खा बाजार स्थित कुशवाहा कंप्यूटर पर छापेमारी की, जहां से देव लक्खा भीठ्ठी गांव निवासी लाल बहादुर सिंह के पुत्र दिनेश कुमार सिंह को गिरफ्तार किया। उसके पास से सीआइबी के द्वारा तीन लैपटॉप, तीन प्रिंटर, दो मोबाइल, 6630 रुपए नगद बरामद किया गया।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

वह पिछले 4 वर्षों से ई टिकट का अवैध धंधा आईआरसीटीसी के फर्जी आईडी पर कर रहा था। 4 वर्षों में उसके द्वारा करीब 4000 से अधिक की टिकट बना कर बेचे जाने का खुलासा हुआ है, जिसकी कीमत लगभग सात करोड़ है। छापेमारी रेलवे सुरक्षा बल के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त अतुल कुमार श्रीवास्तव तथा मंडल सुरक्षा आयुक्त अभिषेक के निर्देश पर सीआईबी के इंस्पेक्टर मुकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में की गई। छापेमारी दल में उप निरीक्षक जय सिंह यादव, हेड कांस्टेबल रवि प्रकाश शुक्ला, कांस्टेबल प्रताप सिंह, हेड कांस्टेबल विनोद कुमार यादव, कांस्टेबल संजीव कुमार गौतम तथा भटनी के उपनिरीक्षक संजय कुमार राय, सहायक उप निरीक्षक दिलीप कुमार सिंह, कांस्टेबल अमित कुमार सिंह, सुनील कुमार यादव शामिल थे।

छापेमारी के दौरान दलाल के पास से 37 पर्सनल आईडी का डिटेल्स मिला है। उसके द्वारा फर्जी आईडी से टिकट बना कर बेचा जाता था और यात्रियों से प्रति यात्री 200 से 500 रूपये अधिक की वसूली की जाती थी। उसके आईआरसीटीसी की आईडी को चेक करने पर दो तत्काल टिकट (कीमत 2074 रुपए) तथा 28 सामान्य टिकट (कीमत 62689 रुपए) बरामद किया गया ।

उपयोग किया हुआ चार तत्काल टिकट (कीमत 4383 रुपए) तथा 21641 रुपए के उपयोग किए हुए सामान्य ई टिकट बरामद किया गया। जांच में खुलासा हुआ है कि वाह प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर रेड बुल का प्रयोग करता था, जिसे उसने अपने एकाउंट से भुगतान कर खरीदा था। उसके द्वारा आईआरसीटीसी के एजेंट का भी एक आईडी इस्तेमाल किया जाता था।