- स्वास्थ्य संस्थानों पर विशेष कैंप लगाकर हुई गर्भवतियों की जांच
- गर्भवती महिलाओं की गुणवत्ता युक्त प्रसवपूर्व जांच होना आवश्यक
- उच्च जोखिमवाली गर्भवती महिलाओं को किया गया चिह्नित
छपरा: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर विशेष कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व पर्व जांच की गयी। स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती महिलाएं उत्साह के साथ अपना प्रसवपूर्व जांच कराने पहुंची पहुचीं थी। जहां पर चिकित्सकों के द्वारा गर्भवती को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गयी। उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिला को चिह्नित कर उन्हें जरूरी परामर्श दिया गया। इन महिलाओं का रिकार्ड भी एकत्रित किया गया। सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा प्रत्येक गर्भवती महिला महत्वपूर्ण है| हर गर्भवती महिला को विशेष देखभाल मिलनी चाहिए तथा सभी की गुणवत्तायुक्त प्रसवपूर्व जांच होना आवश्यक है। जिससे समय पर समस्या खतरों की पहचान कर मातृ मृत्यु को कम किया जा सकता है। गर्भवती होते ही महिलाओं को नियमित जांच करवानी चाहिए। साथ ही खून की कमी ना हो, इसके लिए दूध, मौसमी फल, गुड़ आदि लेना चाहिए। समय पर भोजन करना व आठ घंटे की नींद जरूरी है।
गर्भावस्था में ये पांच टेस्ट जरूरी:
- ब्लड टेस्ट
- यूरिन टेस्ट
- ब्लड प्रेशर
- हीमोग्लोबिन
- अल्ट्रासाउंड
महिलाओं को दी गयी आयरन की गोली:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने कहा कि शिविर में कमजोर महिलाओं की को पहचान कर कैल्सियम कैल्शियम एवं आयरन की मुफ्त दवा दी गई। सभी महिलाओं को सही प्रसव के बारे में जानकारी देते हुए नि:शुल्क दवा व फल भी दिया गया। सुरक्षित प्रसव जांच को लेकर सुबह से ही अस्पताल में महिलाओं की लाइन लगी रही। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के जरिए परिवार नियोजन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। हर माह की नौ तारीख को अभियान के तहत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती के लिए जांच शिविर लगाया जाता है।
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास में काफी सफलता मिली है। स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता के साथ अभियान को सफल बनाने में आशाओं की भूमिका भी सराहनीय है। आशा सामुदायिक स्तर पर उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उसे प्रत्येक महीने की नौवीं तारीख को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ रेफरल अस्पतालों पर प्रसव पूर्व जांच के लिए ससमय संदर्भित करती हैं एवं खुद भी उपस्थित होती हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास में काफी सफलता मिली है। स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता के साथ अभियान को सफल बनाने में आशाओं की भूमिका भी सराहनीय है। आशा सामुदायिक स्तर पर उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उसे प्रत्येक महीने की नौवीं तारीख को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ रेफरल अस्पतालों पर प्रसव पूर्व जांच के लिए ससमय संदर्भित करती हैं एवं खुद भी उपस्थित होती हैं।