- जिले में स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जा रहा है दूसरा डोज
- दोनों डोज लेने के बाद ही होगा एंटीबॉडी का विकास
- कोविन पोर्टल पर रजिस्टर्ड लाभार्थियों को लगेगा टीका
छपरा: कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए टीकाकरण अभियान जोर-शोर से चल रहा है। प्रथम चरण में स्वास्थ्यकर्मियों व दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्करों का टीकाकरण किया जा रहा है। प्रथम चरण का टीका ले चुके स्वास्थ्य कर्मियों को अब दूसरा डोज भी दिया जा रहा है। जिनका 28 दिन पूरा हो गया है उन्हें दूसरे डोज का टीका दिया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन का दोनों डोज लेना जरूरी है। तभी यह टीकाकरण अभियान सफल हो पायेगा। टीकाकरण में सभी उत्साहपूर्वक टीका लगवा रहे हैं। टीका पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा है कि किसी भी अफवाह या भ्रांति पर ध्यान न दें। टीके से किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है, कोरोना से लड़ाई में यह बहुत जरूरी है। कोरोना के नए मामले बेहद कम हैं। कोविड से लड़ाई में हम सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान दिन रात काम करना पड़ा था। हमें सबसे पहले वैक्सीन का लाभ मिला। जिन लोगों का टीकाकरण होना है, वे लापरवाही न बरतें। कोविड टीकाकरण के जरिए ही कोरोना के वायरस से बचा जा सकता है।
कोरोना से सुरक्षित होने के लिए दोनों डोज लेना जरूरी
केंद्र की गाइडलाइंस के अनुसार, कोविड-19 की दूसरी खुराक के दो सप्ताह बाद सुरक्षा के लायक एंटीबॉडी विकसित होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोगों से दोनों खुराक अनिवार्य रूप से लेने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि पहली खुराक लेने के बाद आप अगर खुद को कोरोना से सुरक्षित मान लेते हैं तो यह बड़ी भूल होगी। आप कोरोना से तभी सुरक्षित हो पाएंगे जब दूसरी खुराक भी समय पर लें।
कोविन पोर्टल पर रजिस्टर्ड लाभार्थियों को लगेगा टीका
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा कोविड-19 टीकाकरण अभियान के नियमन के लिए ऑनलाइन को-विन प्रणाली विकसित की गयी है। इसके जरिये पहली खुराक लेने वाले लोगों की निगरानी भी की जा रही है। पहली खुराक दिए जाने के बाद को-विन प्रणाली में संबंधित के नाम के आगे टिक कर दिया जाता है। इसके बाद उसे एक एसएमएस मिलता है, जिसमें दूसरी खुराक की तिथि और समय का उल्लेख होता है। वैक्सीन की दोनों खुराक लगाए जाने के बाद क्यूआर कोड आधारित प्रमाण-पत्र रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेज दिया जाएगा। टीकाकरण की व्यवस्था भी को-विन प्रणाली पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुरूप की जा रही है। एक केंद्र पर सिर्फ एक प्रकार की वैक्सीन लगाई जाएगी और लाभार्थी को उसी वैक्सीन की दूसरी खुराक भी दी जा रही है।