परवेज़ अख्तर/सिवान:
जिले में रविवार को जब पटना से आई निगरानी अन्वेषण ब्यूरों की टीम ने जिला परिषद के जिला अभियंता धनंजयमणि तिवारी के घर छापेमारी की तो हडकंप मच गया। निगरानी टीम ने एक साथ जिला अभियंता के दो घरों पर छापेमारी की। इसमें करीब 2.5 करोड़ के भूमि संबंधी 78 दस्तावेज, 16.5 लाख बैंक में निवेश किए गए कागजात, 27 लाख के विभिन्न गाड़ियों के कागजात, 9.5 लाख के सोने व चांदी के गहने व जिला परिषद स्थित उनके कार्यालय से 4.92 लाख रुपये नगद रुपये सहित चार करोड़ की संपत्ति जब्त की। दोनों घर पर करीब नौ घंटे तक छापेमारी चली। छापेमारी दल में करीब दस पदाधिकारी सहित महिला व पुरुष कर्मी शामिल थे।निगरानी डीएसपी अरुणोदय पांडेय ने बताया कि टीम ने जिला अभियंता से भी पूछताछ की है। अब आगे की कार्रवाई मुख्यालय स्तर से की जाएगी। बताते चले कि जिला अभियंता का गुठनी के चनउर स्थित पैतृक घर पर छापेमारी नहीं हुई। पचरुखी में जहां छापेमारी हुई, वहां उनके पिता जी को ताड़का मिला हुआ था। जिला अभियंता के पिता चिकित्सक थे। इनके छह भाई है, जो पचरुखी स्थित आवास पर मौजूद थे।
दिन भरी चली छापेमारी
पचरुखी में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने जिला परिषद अभियंता धनंजय मणि तिवारी के आवास पर छापेमारी है। छापेमारी तीन डीएसपी के नेतृत्व में की गई। छापेमारी में 5 लाख 44 हजार रुपये के सोने व 26 हजार के चांदी व नकद के अलावा बीमा निवेश, फिक्स डिपाॅजिट, जमीन के कागजात और आभूषण मिले हैं। डीएसपी पवन कुमार के नेतृत्व में की जा रही इस छापेमारी में डीएसपी रैंक के अधिकारियों अशोक श्रीवास्तव, मनोज कुमार श्रीवास्तव के अलावा इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर समेत पचरुखी थाना अध्यक्ष रितेश कुमार मंडल सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। छापेमारी रविवार को सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक की गई। फिलहाल निगरानी में कांड संख्या 8/ 21 की शिकायतों पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम के साथ पचरुखी स्थित इनके आवास पर छापेमारी की गई थी। निगरानी विभाग के अनुसार पदाधिकारी द्वारा संपत्ति की जो वार्षिक विवरणी दी जाती है उसमें कई निवेशकों की चर्चा नहीं की गई है। उनसे जब इस बारे में प्रारंभिक पूछताछ की गई थी तो संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया था और इसी कारण ही उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। पहली बार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने किसी पदाधिकारी के खिलाफ पचरुखी में यह छापेमारी की है।