पटना: बिहार के मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए मदरसों में सुविधा बढ़ाने और शिक्षकों को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने की पहल हो रही है। अब बिहार राज्य मदरसा बोर्ड ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे मदरसों में शिक्षा के स्तर में आमूल-चूल बदलाव देखने को मिलेगा। बोर्ड के अध्यक्ष अब्दुल कयूम अंसारी ने कहा है कि बिहार के मदरसों में अब बिहार एससीईआरटी और एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम से भी पढ़ाई कराई जाएगी। बोर्ड और सरकार के इस प्रयास से बिहार के नौनिहालों को बेहतर भविष्य की तरफ जाने का रास्ता मिल सकेगा।
यूनिसेफ की मदद से तैयार कराया जा रहा नया सिलेबस
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि मदरसों में शिक्षा का स्तर बेहतर करने के लिए यूनिसेफ की मदद से नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहली से आठवीं कक्षाओं तक एससीईआरटी के सिलेबस से जबकि इसके आगे 12वीं तक के लिए एनसीईआरटी के सिलेबस से पढ़ाई कराने की तैयारी है। इसके लिए किताबें तैयार कराई जा रही हैं।
अगले महीने जारी होगा फोकानिया और मौलवी परीक्षा का रिजल्ट
बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि मदरसा बोर्ड की ओर से आयोजित फोकानिया और मौलवी की परीक्षा में सफल छात्राओं को क्रमश: 10 हजार 25 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं संपन्न हो चुकी हैं। अगले महीने में इन परीक्षाओं का रिजल्ट भी जारी कर दिया जाएगा।
1100 मदरसों को सुदृढ़ बनाने के लिए हो रहा काम
बिहार सरकार ने राज्य के 1100 मदरसों को विकसित करने की योजना बनाई है। इसके लिए 86.71 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई गई है। इन पैसों से मदरसों में पुस्तकालय, क्लास रूम, पेयजल, उपस्कर व शौचालय आदि का निर्माण किया जाएगा।