- काउंसलिंग कर महिलाओं को दी जा रही है परिवार नियोजन की जानकारी
- काफी संख्या में उत्साह के साथ परामर्श लेने पहुंच रही हैं महिलाएं
- संचार अभियान का दिख रहा है व्यापक असर
छपरा: जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर विभाग प्रतिबद्ध है। इसको लेकर सामुदायिक स्तर पर कई योजनाएं चलायी जा रही हैं । परिवार नियोजन के साधनों को समुदाय तक पहुंचाना कई स्तर पर चुनौतियांभरा भी है। चुनौतियां सिर्फ संसाधनों की नहीं है, बल्कि जागरूकता की कमी भी एक बड़ी चुनौती है। लेकिन सदर अस्पताल में स्थापित परिवार नियोजन परामर्श केंद्र इन चुनौतियों को आसान कर रहा है। इस परामर्श केंद्र का मुख्य उदेश्य यह है कि लोगों को परिवार नियोजन के बारे में अधिक से अधिक जागरूक किया जा सके। ताकि छोटा परिवार, सुखी परिवार की परिकल्पना को साकार किया जा सके। इस केन्द्र पर सभी दिवस में परिवार नियोजन के सभी साधनों की उपलब्धता के साथ-साथ परामर्शी भी मौजूद रहती हैं। परामर्शी आने वाले सभी इच्छुक लोगों को उनके लिए जरूरी परिवार नियोजन के साधन चुनने में सहायता कर रही हैं। केन्द्र को आकर्षक बनाने के लिए आवश्यक चित्रण और लेखन भी किया गया है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है। काफी संख्या में महिलाएं प्रतिदिन यहां पहुंचकर परिवार नियोजन के साधनों पर चर्चा कर रही हैं और इसे अपना भी रही हैं ।
संचार अभियान हो रहा सार्थक
परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए केयर इंडिया के सहयोग से विभाग के द्वारा संचार अभियान की शुरुआत की गयी है। यह अभियान जनवरी माह से शुरू हुआ है जो मार्च तक चलेगा। इसके तहत सामुदायिक स्तर पर कई गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। ई-रिक्शा के माध्यम से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके अलावा आरोग्य दिवस पर एक संतान वाले दंपतियों के साथ बैठककर परिवार नियोजन की जानकारी दी जा रही है।
स्थायी व अस्थायी साधन है उपलब्ध
फैमिली प्लानिंग कॉर्नर की काउंसिलर बबिता कुमार ने बताया परिवार नियोजन कॉर्नर पर जरूरत के सभी स्थायी व अस्थायी दोनों ही साधन उपलब्ध हैं। जो परिवार स्थायी साधन का इस्तेमाल करना चाहते हैं जैसे कि पुरुष नसबंदी, महिला बंध्याकरण इत्यादि उन्हें अस्पताल में भेज दिया जाता है, जबकि अस्थायी साधन के रूप में अंतरा इंजेक्शन, कॉपर-टी, छाया, माला-एन, इजी पिल्स, कंडोम आदि फैमिली प्लानिंग कॉर्नर में दिया जाता है। उसके इस्तेमाल और सावधानियों की जानकारी भी परिवार नियोजन कॉर्नर में दी जाती है।
परिवार नियोजन के प्रति महिलाओं व पुरुष में बढ़ रही रूचि
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा फैमिली प्लानिंग कॉर्नर की वजह से जिले में परिवार नियोजन के प्रति लोगों में बहुत जागरूकता आ रही है। यहां लोगों को आसानी से परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी मिल जाती है व जरूरी दवाइयां भी उपलब्ध हो जाती है। देखा गया है कि यहां से लाभ लेने वाले आम लोग भी अपने क्षेत्र में इसकी जानकारी देते हैं जिससे आसपास के लोग भी इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। परिवार नियोजन परामर्श केंद्र सार्थक सिद्ध हो रहा है। यहां पर महिलाएं साधनों के बारे में जानकारी लेने पहुँच रही हैं और इसे अपना भी रही हैं । पहले की तुलना में परिवार नियोजन के प्रति महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी अधिक जागरूक हो रहे हैं ।
परिवार नियोजन के लिए ये तरीके हैं कारगर
केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक प्रेमाकुमारी ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण में परिवार नियोजन की बहुत अधिक भूमिका है। सभी अस्पतालों में ‘अंतरा’ इंजेक्शन और ‘छाया’ गोली निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए यह इंजेक्शन तीन माह में एक बार लगाया जाता है, वहीं जो महिलाएं इंजेक्शन लगवाने से डरती हैं उनके लिए छाया गोली है। ये हफ्ते में 2 बार दी जाती है। उन्होंने बताया कि गर्भनिरोधक इंजेक्शन का स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। गर्भाशय के कैंसर से बचाव होता है। साथ ही हीमोग्लोबिन भी अच्छा हो जाता है। सही जानकारी नहीं होने के कारण बहुत सारी महिलाएं चाह कर भी परिवार नियोजन के साधन का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। इस दिशा में परामर्श केंद्र में महिलाओं को परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी देना काफ़ी कारगर साबित हो रहा है।