परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के कई चर्चित प्रखंडों में प्रखंड प्रमुख के खिलाफ लगातार आ रहे अविश्वास प्रस्ताव के बाद अब बड़हरिया में भी राजनीतिक सरगर्मी अपने उरूज पे है।बतादे की प्रमुख पद के चयन के अब दो साल पूरा होने पर जिले के कई प्रखंडों में लगातार यह फैसले देखने को मिल रहे है।जिले की चर्चाओं की मानें तो बड़हरिया प्रखंड जिले का एक नमूना प्रखंड माना जाता है। बड़हरिया में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अंदर ही अंदर एक बहुत बड़ी मिशिनीयरिंग लगी हुई है जो अंदर ही अंदर राजनितिक चहल कदमी बढ़ाने को लेकर कोई कसर नही छोड़ रही है। अब देखना है की मिशिनीयरिंग कहाँ तक कारगर होती है यह तो गर्भ की बात है। हालांकि बड़हरिया प्रखंड इलाकों में अविश्वास प्रस्ताव की कही भी चर्चा नही हो रही है लेकिन अधिकांश बीडीसी सदस्य एक समूह बनाकर चाय के चुस्की के साथ रात दिन एक किये है।उनकी यह मंशा है की जिले के अन्य प्रखंडों की तरह इस प्रखंड में भी अविश्वास प्रस्ताव लाया जाये।बतादें की बड़हरिया के प्रखंड प्रमुख के पद पर सुबुक तारा खातून काबिज है। जो जदयू नेता अमीरुल्लाह सैफी उनके नाते में भैसुर लगेंगें।बतादें की बड़हरिया प्रखंड में बीडीसी सदस्यों की कुल संख्या 41 है लेकिन वर्तमान में 40 सदस्य हैं। कारण कोईरीगांवा पंचायत के बीडीसी सदस्य के निधन के बाद यह सीट रिक्त है जहाँ पे रविवार को चुनाव होना सुनिश्चित है।
बड़हरिया में भी आ सकती है अविश्वास प्रस्ताव की बारी
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