सिवान में तीसरे दिन भी पूरे जिला के कार्यपालक सहायक रहे हड़ताल पर, सड़क पर उतर किया भिक्षाटन

0
hadtal
  • आरटीपीएस से लेकर सारे ऑफिस का काम रहा बाधित
  • पंचायत प्रखंड से लेकर जिला अनुमंडल तक ग्रामीण हो रहे हैं परेशान

परवेज अख्तर/सीवान: बिहार राज्य के पालक सहायक सेवा संघ की जिला इकाई सीवान के द्वारा बुधवार को भी तीसरे दिन अपने आठ सूत्री मांगों को लेकर सभी कार्यपालक सहायक आरटीपीएस से लेकर जिला तक के कार्यपालक सहायक हड़ताल पर अड़े रहे. इनके हड़ताल पर जाने से विभिन्न कार्यालयों में काम लगभग ठप पड़ गया है. जिला समाहरणालय के गेट पर बैठे कार्यपालक सहायकों का कहना था कि बिहार सरकार की इकाई बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी हमारी मांग को नहीं मानती है तो जिले के सभी कार्यपालक सहायक आमरण अनशन पर जाने के लिए विवश हो जाएंगे. कार्यपालक सहायकों के बदौलत ही बिहार सरकार को विभिन्न क्षेत्र में प्रशस्ति पत्र मिल रही है. फिर भी सरकार  के द्वारा कार्यपालक सहायक के हित में गठित की गई नियमावली को बदल कर कार्यपालक सहायक के भविष्य को बर्बाद करने पर तुली हुई है.

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

धरना के दौरान कार्यपालक सहायक का कहना था कि लॉकडाउन के समय बेल्ट्रान के कर्मी एक भी ऑफिस में कार्य नहीं कर रहे थे. हम कार्यपालक सहायक उस महामारी में भी प्रवासी मजदूरों की देखरेख के साथ उनके आने-जाने की गतिविधि की जिम्मेदारी हम लोगों पर छोड़ दी गई थी. लॉकडाउन में जो ट्रेन आती थी उस पर सवार लोगों का नाम और पता हम लोगों के द्वारा ही किया जा रहा था. वहीं राशन कार्ड भी उसी लॉकडाउन में 24 घंटा कार्य करने के बदौलत हम लोगों से सहयोग लिया गया. इधर सरकार हम लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है जो कार्यपालक सहायकों के हित में नहीं है. इस दौरान कार्यपालक सहायकों ने सड़क पर उतर भिक्षाटन भी किया. मौके पर जिला अध्यक्ष वरुण कुमार रजक, जिला सचिव विशाल कुमार शर्मा, जिला संयोजक विवेक राही मिश्रा, आजाद मिश्रा, प्रदीप कुमार गौड़, नूर बसर, अनुपम कुमार बैठा, नित्यानंद गिरी, संजीव कुमार, विकास कुमार, कंचन बाला, पिंकी कुमारी, अर्चना कुमारी, गुड़िया कुमारी, परवीन, शहीद करीब 500 के संख्या में आरटीपीएस से लेकर जिला तक के कार्यपालक सहायक तीसरे दिन भी अपनी मांग पूरा करने के लिए हड़ताल पर डटे रहे.