परवेज अख्तर/सिवान : बिहार बंद को लेकर माले ने भी राजद का समर्थन दिया. इसमें भाकपा माले जिला सचिव हंसनाथ राम ने कहा कि एक तरफ पूरा देश वीर सपूत शहीद ए आजम भगत सिंह को 23 मार्च को शहादत दिवस मना रहे थे .जिनका सपना का पुराना,सड़ी, गली सामंती सांप्रदायिक फासीवाद व्यवस्था को उखाड़ व गरीबों की राज कायम हो.वही दूसरी तरफ बिहार विधानसभा में भारत के इतिहास में पहली बार सदन के भीतर विपक्ष की विधायकों को निर्जलता के साथ पटना के डीएम व एसपी के नेतृत्व में पिटाई किया गया.जबकि सदन के भीतर जाने का अधिकार नहीं है. वहीं उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के नक्शे कदम पर बिहार में भी पुलिस एक्ट लागू करना चाह रही है. बिहार सरकार गरीब,मजदूर, किसान, छात्र, नौजवानों की आवाज को दबाने की साजिश है .जब वीआईपी व्यक्ति के साथ ऐसा हो सकता है तो आम जनता के साथ कैसा होगा अंदाजा लगाया जा सकता हैं. सरकार की नाकामी को सदन के भीतर विपक्षी विधायकों ने जो सवाल उठाया सही जवाब नहीं दिया पूरी दुनिया देख रही थी और सरकार घिर गई.
वहीं भाकपा माले केंद्रीय कमेटी सदस्य ने नईमुद्दीन अंसारी ने कहा कि 4 माह से किसान दिल्ली की सड़कों पर कृषि बिल वापस लेने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. जहां 200 से अधिक किसान मर चुके हैं. लेकिन सरकार बिल वापस नहीं ले रही है. जिसको लेकर पूरा भारत बंद कर बिल वापस करने की मांग कर रहा है. इसलिए इस बंद के माध्यम से बिहार में पुलिस एक्ट कानून वापस लेने व नीतीश सरकार माफी मांगे. इस्तीफा दे, ककृषि बिल वापस करने मजदूरों के शोषण पर रोक लगाने का मांग किया जाता है. वही मांगो को लेकर ललित बस स्टैंड में एकजुट होकर शहर के मुख्य मार्गो पर मार्च कर बंद कराने का काम किया गया. मार्च का नेतृत्व सोहिला गुप्ता ,युगल किशोर ठाकुर ,विश्वनाथ राम, सुरेश प्रसाद कुशवाहा, मुकेश कुशवाहा, सुरेश राम, रविंद्र पासवान, सतेंद्र राम ,जय नाथ यादव ,उमेश प्रसाद ,विकास यादव, प्रदीप कुशवाहा सहित अन्य लोगों ने किया.