छपरा: बिहार में मुखिया समेत पंचायत चुनाव का जल्द ही होने वाला है। मुखिया के साथ-साथ सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों के भी चुनाव होने वाले हैं। पंचायत चुनाव से पहले सैकड़ों मुखिया और वार्ड सदस्यों को करारा झटका लगा है।बिहार सरकार ने कहा है कि जल्द ही पंचायत चुनाव की तारीखों का एलान होने वाला है लेकिन इसबार कई मुखिया, सरपंच और वार्ड सदस्य चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।इस बारे में मशरक प्रखंड विकास पदाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारी राजीव कुमार सिन्हा ने पंचायत चुनाव को लेकर लेटर जारी कर दिया है। उन्होंने लिखा कि पंचायत चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयारी चल रही है। जल्द ही चुनाव की तारीखों के एलान भी हो जाएंगे लेकिन इस बार कई ऐसे मुखिया, सरपंच और वार्ड सदस्य हैं, जो चुनाव में खड़ा नहीं हो सकते।
श्री सिन्हा ने कहा कि जिन लोगों ने 2016 का पंचायत चुनाव लड़ने के बाद खर्च का ब्योरा जमा नहीं किया है।वे लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। विभाग की ओर से जनप्रतिनिधियों को सूचना दी गई है। जिन्होंने वर्ष 2016 के पंचायत चुनाव लड़ा था और चुनाव लडऩे के बाद उन्होंने खर्च का ब्यौरा जमा नहीं किया. ब्यौरा न देने वाले इस बार चुनाव नहीं लड़ सकते. बिहार सरकार के इस बड़े फैसले के बाद संभावित प्रत्याशियों और पंचायत प्रतिनिधियों में हड़कंप मचा हुआ है. उधर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2016 में निर्वाचन संबंधी आय-व्यय का ब्यौरा नहीं देने वाले जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध राज्य निर्वाचन आयोग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर वर्ष 2016 के पंचायत चुनाव के वैसे उम्मीदवारों को चिह्नित कर उनकी में सूची जारी करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने अपने चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं दिया।