- रोजे की हालत में झूठ,फरेब,चुगलखोरी से बचना चाहिए
- रोजेदार को ज्यादा से ज्यादा खुदा की इबादत में अपना वक्त बिताना चाहिए
- अधिकांश घरों में लोगों ने अदा की रमजान के पहले जुमे की नमाज
परवेज अख्तर/सिवान :
कोविड-19 के संक्रमण को रोकने और शारीरिक दूरी के अनुपालन में मुस्लिम उलेमाओं की अपील पर रमजान के पहले जुमे की नमाज लोगों ने घरों में रहकर अदा की. शाही जामा मस्जिद में पेश इमाम के अलावा मस्जिद के स्टाफ ने ही शारीरिक दूरी के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जुमे की नमाज अदा की. रमजान माह में मस्जिदें नमाजियों से गुलजार रहती थीं.लेकिन नमाज पर पिछले साल की तरह ही इस साल भी कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को देखते हुए सामूहिक धार्मिक स्थल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.जिसमें धार्मिक स्थलों को भी बंद किया गया है.इसके चलते रमजान के दौरान मस्जिदों में नमाज के लिए भी प्रशासन की मंशा के अनुरूप उलेमाओं की अपील पर लोगों से नमाज घरों पर ही अदा करने की अपील की गई.
लोगों ने इसका पूरी तरह पालन करते हुए रमजान के पहले जुमे की नमाज अधिकांश घरों पर ही अदा की.जामा मस्जिदों में अजान के बाद तयशुदा वक्त पर पेश इमाम व मस्जिदों के स्टाफ ने ही शारीरिक दूरी का पालन करते हुए नमाज पढ़ी.इसके अलावा रमजान में खास तौर पर पढ़ी जाने वाली तरावीह की नमाज भी घरों पर ही अदा की जा रही है. रमजान के पहले जुमे पर लोगों ने अपने घरों पर रहकर नमाज, कुरान शरीफ और अन्य इबादत को पूरा किया.रात में तरावीह भी घरों पर ही अदा की जा रही है.अनेक मासूम बच्चों ने भी जुमे के दिन पहला रोजा भी रखा.परंतु कोई दावत का कार्यक्रम या सामाजिक और धार्मिक सम्मेलन का आयोजन नहीं किया गया. घरों में रहते हुए लोगों ने रोजा इफ्तार करने के बाद शांति और अमन चैन की दुआएं की गई.रोजेदारों ने कोविड-19 के खात्मे के लिए दुआ की. इधर तरवारा बाजार स्थित मदरसा जामिया बरकातिया अनवारूल उलूम के मौलाना मुफ्ती इश्तियाक रजा कादरी ने कहा कि रोजे की हालत में रोजेदार को बुराइयों से दूर रहना चाहिए.
रोजे की हालत में झूठ,फरेब, चुगलखोरी से बचना चाहिए.रोजेदार को ज्यादा से ज्यादा खुदा की इबादत में अपना वक्त बिताना चाहिए.उन्होंने ने कहा कि अल्लाह ताला की रजा के लिए रोजा रखा जाता है.भूख प्यास पर नियंत्रण रख अपने रोजे को सही तरीके से अंजाम देने की कोशिश प्रत्येक रोजेदार को करनी चाहिए.एक नेकी के बदले खुदा अपने बंदों को सत्तर नेकियां देता है.माहे रमजान में गरीब,मिस्कीनों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.जकात फितरा की अदायगी समय पर करनी चाहिए.उन्होंने कहा कि गरीब लोगों की मदद के लिए सभी को अपना फर्ज निभाना चाहिए.रोजेदार को इंसानियत की खिदमत में अपना वक्त अवश्य बिताना चाहिए.नमाज, कलाम पाक की तिलावत पाबंदी के साथ प्रत्येक रोजेदार को करनी चाहिए.घरों में औरतों को अपनी नमाजों पर विशेष ध्यान देना चाहिए.कोरोना वायरस से बचाव के लिए घोषित लॉक डाउन के दौरान मंदिर मे पहले से ही बंद हैं.सामाजिक दूरी बनी रहे, इसके लिए मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर रोक लगाई जा चुकी है.शुक्रवार को शहर समेत पूरे जिले में व्यापक असर दिखाई दिया.शहर की अन्य सभी मस्जिदों में इमाम समेत सिर्फ तीन-चार लोगों ने जुमा की नमाज अदा की.हालांकि अजान तय वक्त पर मस्जिदों से हुई. इसके बाद लोग अपने घरों में ही नमाज अदा की.