परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के दारौंदा थाने के मछौती गाँव निवासी बिजय कुमार यादव के जुबाँ से ये पंक्तियाँ उस समय निकल पड़ी की जब वे अपनी प्यारी लाड़ली की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत की उन्हें सुचना मिली। मृतका के पिता के जुबाँ से अचानक दिल दहला देने वाली भरी लहजे में कराह कर आवाज आई की “किस्मत के खेल ,निराले मेरे भैया”। बतादें सिवान – छपरा एनएच पर दारौदा के धनौती पेट्रोल पम्प के समीप काल क्रूर बनकर आई एक बेलागाम ट्रक ने पल-भर में बिजय कुमार यादव व उसके परिवार के संजोय सपनों को पल भर में धराशायी कर दिया। मछौती निवासी मृतिका बिंदा कुमारी के पिता बिजय कुमार यादव ट्रेक्टर चलाकर कमाई से अपनी दोनों बेटियों को उस मुकाम तक पहुँचाने की तमन्ना पाल रखी थी की आगे बेटी पढ़ लिख कर खुद को गर्व महसूस करे लेकिन उन्हें क्या पता की शनिवार की अहले सुबह एक काल क्रूर बनकर आई बेलागाम ट्रक ने उनके संजोय सपनों को पल -भर में बिखेर ले जायेगी। बतादें की मृतिका बिंदा कुमारी (20 वर्ष) का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके गांव में पंहुचते ही कोहराम मच गया।शव आने की सुचना पर “क्या बूढ़े ,क्या नौजवान ,एका एक उसके घर के तरफ दौड़ पड़े। शव से लिपट-लिपट कर माँ गिरजा देवी रोते -रोते अपनी लाड़ली के ग़म में बेहोश होते जा रही थी।माँ के बिलखते देख उपस्थित लोग भी अपनी -अपनी आँखो के आँसूओं को नही रोक पा रहे थे। मृतिका बिंदा कुमारी दो बहन एवं दो भाई क्रमशः अनीश कुमार यादव व मनीष कुमार यादव है।बहन की हुई दर्दनाक मौत के बाद से उसकी घायल बहन व दोनों भाई के रोते-रोते उसके रिमझिम आँखो के आँसू ही सुख गए है।बतादें की घायल बहन इंदु कुमारी दारौंदा में कोंचिग करने अपने साइकिल से जा रही थी ।वही दूसरी साइकिल से मृतिका बिंदा कुमारी भी दारौदा स्थित कौशल विकास केंद्र पर अपनी भविष्य संवारने में लगी हुई थी। कौशल विकास केंद्र के उसके सहेलियों में क्रमशः सिमी कुमारी , मंजू कुमारी , दीपिका कुमारी ,बंदना कुमारी आदि छात्राओं ने बिंदा कुमारी को मृदभाषी व्यवहार कुशल बताया।उधर बिंदा की हुई आकस्मिक निधन पर कौशल विकास केंद्र पर बिरानी छा गई। मृतिका के सभी सहेलियों ने भी उसके शव को निहार-निहार बिलख रही थी।
ट्रैक्टर से कमाई कर बेटी को शिखर पर पहुंचाने की थी तमन्ना
विज्ञापन