परवेज अख्तर/सिवान: पिछले दिनों एआईएसएफ बिहार के आह्वान पर पूरे राज्य में शैक्षणिक संस्थानों के बंदी के खिलाफ एआईएसएफ द्वारा प्रदर्शन किया गया था. जिसमें एआईएसएफ के राज्य उपाध्यक्ष रजनीकांत कुमार को खगड़िया पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया. एआईएसएफ सीवान के जिलाध्यक्ष नीरज यादव ने कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि कोरोना काल में शैक्षणिक संस्थानों को बंद किया गया है, जबकि बिहार के बाद अन्य पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में रैली-नेताजी के भाषण-रोड शो जारी हैं. कुछ राज्यों के अंदर पंचायत चुनाव जारी हैं. बिहार भी खुद पंचायत चुनाव की दहलीज पर खड़ा है. कुंभ के आयोजन हो रहे हैं. सिनेमा हॉल एवं बसें कुछ प्रतिबंध के साथ चलाए जा रहे हैं तो फिर शैक्षणिक संस्थानों को क्यों बंद किया गया है.
शैक्षणिक संस्थानों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर खोलने के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे एआईएसएफ राज्य उपाध्यक्ष रजनीकांत कुमार के अतिरिक्त दो शिक्षकों को गिरफ्तार कर खगड़िया जिला प्रशासन ने 15 अप्रैल को पहले लापता कर दिया और पुनः 16 को नौगछिया जेल में भेज दिया गया था. एआईएसएफ सीवान ने इसके उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ईमेल भी भेजा था. जिसमें बिहार सरकार से यह मांग गया था कि खगड़िया जिला प्रशासन द्वारा शांतिपूर्ण आंदोलन से गिरफ्तार एआईएसएफ राज्य रजनीकांत समेत तीन लोगों को बिना शर्त एवं ससम्मान रिहा किया जाए और शैक्षणिक संस्थानों को गाइडलाइंस के तहत फिर से खोला जाय. नहीं तो कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पूरे राज्य में पुनः आंदोलन होगा.