परवेज अख्तर/सिवान: रमजान इबादत के साथ अदब भी सिखाता है. रमजान का महीना बेशुमार नेमतों वाला है. इस पूरे महीने एक रोजेदार नफ्स पर कंट्रोल के साथ ही इबादत और सब्र करता है. उक्त बातें मोहम्मद उमर अंसारी ने इफ्तार पार्टी के दरम्यान कही. उन्होंने बताया कि नबी ने फरमाया है कि यह महीना सब्र का है और सब्र का बदला जन्नत है. इस महीने के अंदर बाल-बच्चों और नौकरों से ज्यादा मेहनत व कड़े काम न लो. यह महीना इबादत के साथ ही अदब व एहतराम का भी महीना है.रमजान में झगड़ा और फसाद से बचो.
नबी ने फरमाया कि कोई रोजे की हालत में गाली दे दे या तुम्हें मारने पर आमादा हो जाए तो उसे बता दो कि मैं रोजा हूं और मैं झगड़ा नहीं चाहता. ऐसे तो हर महीने हर दिन हर घंटे इंसान को पड़ोसियों के साथ, दूसरे मजहब के साथ नरमी का हुक्म है मगर रमजान में खुसूसियत के साथ एक परिवार दूसरे परिवार का हक अदा करें.पड़ोसी मुसलमान हो या दूसरे मजहब का उसके साथ नरमी बरती जाए. यूं तो हर दिन झगड़ा करना हराम है मगर इस बरकत वाले महीने की बरकत हासिल करने के लिए पूरे महीने रोजेदार को अपनी और दूसरों को तकलीफ पहुंचाने वाली हरकतों से बचना चाहिए. और अपनी पिछले गुनाहों से माफी मांगनी चाहिए. यह महीना बक्शीश का महीना है.