थानेदार ने फर्ज और मानवता का परिचय देते हुए सभी भय से मुक्त होकर मृतक का दाह संस्कार कराया
छपरा: हिंदू धर्म के परंपराओं के अनुसार आज भी कई ऐसे कार्य है जो सिर्फ घर के लोग या पड़ोसी ही करते हैं, लेकिन कोरोना बीमारी के भय से शहरों में तो छोड़िए गांवों में भी लोग मृत्यु होने पर गांव घर छोड़कर फरार हो जा रहें हैं वही परिवार की सूचना पर मौके पर पहुंचे मशरक थानाध्यक्ष ने मानवता का परिचय देते हुए सभी भय से मुक्त होकर मृतक का दाह संस्कार कराएं।मामला है कि मशरक थाना क्षेत्र के सिसई गांव में दिलीप वर्मा (उम्र 56) की आकस्मिक बीमारी से मौत हो गई। वही गांव में अफवाह फैल गई कि मौत कोरोना से हुई है जिससे आस पड़ोस और गांव के लोग कोरोना बीमारी के भय से गांव छोड़कर फरार हो गए वही पड़ोसी भी दाह संस्कार में भाग लेने से इंकार कर दिए। मृतक के पुत्र के सामने पहले ही पिता की मौत से दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था पर इस बड़ी विपता से तों उनकी जान ही निकल गई।वही पिता की मौत पर मां का रो रोकर बुरा हाल था।
घटना की सूचना पर पहुंचे रिश्तेदार भी कोरोना के भय से डरे हुए थे। मौके पर पुत्र द्वारा उसने थानाध्यक्ष राजेश कुमार को फोन पर मामले की जानकारी दी। थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने फर्ज और मानवता का परिचय देते हुए मौके पर सिसई गांव पहुंचे जहां मृत पिता का शव घर में पड़ा हुआ था और मां बेटा का रो रो कर हाल बुरा था। मौके पर थानाध्यक्ष श्री कुमार ने गांव वालों के सामने मृतक के दाह संस्कार का मुद्दा रखा जिस पर गांव वालों समेत पड़ोसी भी पल्ला झाड़ लिए। वही थानाध्यक्ष ने सूझबूझ का परिचय देते हुए पीएचसी से मेडिकल टीम बुलाकर मां बेटे का कोविड जांच कराया जिसमें जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्होंने गांव वालों को घंटों समझाया और स्वयं मृतक के शव को दाह संस्कार में मदद कर पिकअप वैन में रखकर दाह संस्कार कराया। मौके पर थानाध्यक्ष ने बताया कि मृतक के परिजनों द्वारा सारण पुलिस अधीक्षक को सूचना दी गई थी जिसमें त्वरित कार्रवाई करते हुए कोविड जांच कराकर लोगों में फैले भ्रम को दूर किया गया और दाह संस्कार कर दिया गया। वही उन्होंने गांव वालों को समझाया कि अफवाहों पर ध्यान नहीं देना हैं और जो भी किसी तरह का अफवाह फैला रहा है उसकी सूचना पुलिस को जरूर दें।