बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ने डीएम को दिया आवेदन
परवेज अख्तर/सिवान: आगामी 15 मई तक शिक्षक सहित शिक्षकेत्तर कर्मियों को विद्यालय आने की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ सीवान के जलाध्यक्ष बागिंद्र नाथ पाठक ने डीएम से की है. अध्यक्ष ने यह मांग सरकार के उस आशंका के आलोक में की है जहां अगले तीन सप्ताह तक कोरोना कहर को अपने चरम पर रहने का अनुमान लगाया गया है. ऐसे में सरकार ने जनता जनार्दन को अपने घरों में रहने की सलाह दी है। अति आवश्यक होने पर ही घर से निकलने का आग्रह व आदेश दिया है. अध्यक्ष ने कहा है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी 22 अप्रैल के दिशा निर्देश में प्रत्येक विद्यालय में 33 फ़ीसदी शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी और शत-प्रतिशत प्रधान अध्यापक की उपस्थिति आवश्यक मानी गई है. अध्यक्ष का कहना है कि विद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी लगातार कोरोना संक्रमित हो रहे हैं और काल कलवित भी हो रहे हैं.
विद्यालयों में लगभग नामांकन कार्य समाप्त हो चुका है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक का मोबाइल नंबर है. उन्हें आवश्यकतानुसार भुलाया जा सकता है. अध्यक्ष का कहना है कि अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी लगभग 50 से 150 किलोमीटर दूर के हैं. दूर से आने के कारण उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि शिक्षकों को रूम लेकर विद्यालय के आसपास रहना होता है. सरकार ने विद्यालयों में 35 फ़ीसदी महिलाओं की नियुक्ति की है और उन्हें विद्यालय आने के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना पड़ता है. ऐसे में उनके कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इस परिस्थिति में अध्यक्ष बागिंद्र नाथ पाठक ने डीएम अमित कुमार पांडे से 15 मई अर्थात अगले तीन सप्ताह तक प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक, शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों को उपस्थिति दर्ज करने के लिए विद्यालय आने की अनिवार्यता से मुक्त करने की मांग की है.