परवेज अख्तर/सिवान: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए अब लोग खुद ही लॉक डाउन की वकालत कर रहे है. लोग करे क्यो न अब से 1 साल पहले कोरोना का कहर जारी था उस समय और इस समय में स्थिति का अंतर यह है कि पिछले साल सरकार द्वारा कठोर लॉकडाउन लगाया गया था जिसका लोगों द्वारा आंशिक विरोध किया गया हालांकि पिछले साल संक्रमण का कम था कढ़ाई ज्यादा परंतु इस बार संक्रमण दर ज्यादा है औऱ प्रशासनिक कडाई पिछले साल का अपेक्षा कम. इस साल तो संक्रमण के साथ-साथ मौत के आंकड़ो में भी तेजी से इजाफा हो रहा है जिसको लेकर अब लोगों द्वारा ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लॉकडाउन लगाने की मांग प्रशासन से की जा रही है. बता दें पिछले 10 दिन से अधिक का रिकॉर्ड देखा जाए तो औसतन 30 से 40 लोग प्रतिदिन कोरोना से संक्रमित पाए जा रहे हैं.
यह आंकड़ा इसलिए भी डराने वाला है कि पिछले साल पंजवार गांव में कोरोना का एक संक्रमित मिला था तो पूरे गांव को पूरी तरह से सील कर दिया गया था. अब तो संक्रमण दर काफी ज्यादा है. प्रशासन द्वारा लगाए गए कड़ाई के साथ साथ कुछ छूट भी दिया गया है जिसका लोग गलत लाभ उठाने में कोई संकोच नही कर रहे. बाजार में देखा जाए तो लोगों में मास्क लगाकर चलने के मामले में जागरूकता तो आई है परंतु अभी भी कुछ ऐसे मनचले और उदंड प्रवृत्ति के लोग हैं जो इतने आंकड़े सामने आने के बाद भी मास्क नहीं लगा कर चल रहे हैं. हालांकि प्रशासन द्वारा मास्क नहीं लगाने वालों पर लगाम लगाई जा रही है परंतु जहां प्रशासन द्वारा जांच नहीं चलाया जा रहा है ऐसे जगहों पर लोग मास्क के प्रति लापरवाही बरतने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं. अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को रैपिड एंटीजेन किट से कुल 122 लोगो के जांच किये गए जिसमे 20 लोगो के सैंपल अरटीपीसीर के लिए भेजा गया इसी में 39 लोगो मे कोरोना के संक्रमण भी मिला है. बताते चले कि दो लोगो की मौत भी हुई है.