पटना: बिहार में नाइट कर्फ्यू को पूरी सख्ती से लागू किए जाने की तैयारी है। राजधानी पटना में तो पहले दिन से ही नाइट कर्फ्यू को लेकर पूरी सख्ती बरती जा रही है। दूसरे शहरों और बाजारों में भी नाइट कर्फ्यू को पूरी तरह सफल बनाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल को सड़क पर उतारने की तैयारी है। कानून तोड़ने वालों पर प्राथमिकी और गिरफ्तार करने की कार्रवाई भी हो रही है। राज्य में 19 अप्रैल से नाइट कर्फ्यू लागू है। तब से कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर 28 एफआइआर और 50 गिरफ्तारियां की गई हैं। वहीं पूरे अप्रैल माह की बात करें तो 56 से अधिक प्राथमिकी दर्ज हुई है, जिसमें 93 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान 3.65 लाख का जुर्माना कोविड प्रोटोकॉल तोडऩे पर वसूला गया है।
सभी डीएम और एसपी को दिए गए हैं निर्देश
राज्य में सुबह छह से शाम छह बजे तक लगाए गए 12 घंटे के नाइट कर्फ्यू को लेकर प्रमुख चौक-चौराहों पर अतिरिक्त पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है। गृह विभाग ने सभी जिलों के डीएम और एसपी को सख्ती से नाइट कर्फ्यू समेत कोरोना प्रोटोकॉल के अनुपालन कराने का निर्देश दिया है। ताकीद की गई है कि निर्धारित समय सीमा के अंदर दुकानें बंद हो जाएं। बाजार में बेवजह की भीड़ न हो। नाइट कर्फ्यू के दौरान इमरजेंसी और निर्धारित सेवा को छोड़कर बाकी लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
अस्पतालों में बेड के आधार पर पुलिस की तैनाती
गृह विभाग ने अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों को भी सुरक्षा मुहैया कराने की जवाबदेही जिला प्रशासन को दी है। एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने बताया कि डीएम और एसपी के स्तर से अस्पतालों में पुलिस की तैनाती की जाएगी। अस्पताल में बेड और डॉक्टरों-चिकित्साकर्मियों की संख्या के आधार पर पुलिस बल की क्षमता निर्धारित होगी। पुलिस मुख्यालय स्तर से इसकी मॉनीटङ्क्षरग की जाएगी।चुनाव से लौटीं पुलिस की 12 कंपनियां, हुई कोरोना जांच
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, बंगाल और असम समेत विभिन्न राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में बिहार पुलिस की 12 कंपनियां गई थीं। सभी कंपनियां लौट आई हैं और उनकी कोरोना जांच भी लगभग पूरी हो गई है। इसके अलावा भी जिन पुलिसकर्मियों में कोरोना के लक्षण मिले हैं, उन्हें बाकी जवानों से अलग रखने को कहा गया है।