परवेज अख्तर/सिवान: जिले के नौतन प्रखंड क्षेत्र के सिसवां में श्रद्धांजलि देने के साथ हिन्दी के साहित्यकार पंडित गौरीशंकर मिश्र ‘आदित्य’ को अंतिम विदाई दी गई. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. इलाज के दौरान ही उन्होंने 30 अप्रैल 2021 को अंतिम सांस ली. उनका जन्म 7 अक्तूबर 1947 को हुआ था. एक साधारण ब्राह्मण परिवार में जन्मे ‘आदित्य’ शुरू से ही प्रतिभाशाली थे. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही प्राप्त कर बिहार विश्वविद्यालय से हिन्दी में एमए, बीएड करने के पश्चात अपने जिले में ही बतौर प्रधानाध्यापक नौकरी करने लगे.
लेकिन साहित्य और कला से अटूट प्रेम रखने वाले ‘आदित्य’ सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक होकर भी संतुष्ट नहीं थे और वे अपने लेखनी के जरिये साहित्य और कला जगत के लोगों से जुड़े रहे. उनका यह जुड़ाव सेवानिवृत्त होने के बाद रंग लाया और उनकी रचनाओं को रंगमंच के माध्यम से बुलंदियाँ मिलीं और एक साहित्यकार को उनका असली सम्मान, जिनके वे हमेशा से हकदार थे मिला. उन्होंने सांस्कृतिक संगम गोरखपुर से जुड़कर अपने साहित्यिक सपनों को साकार किया. पैतृक गांव सिसवां में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उनके मित्र और सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य शिवजी प्रसाद मिश्र सहित अन्य ने श्रद्धासुमन अपर्तित किया.