- 150 बेड की क्षमता का होगा ऑक्सिजन संयंत्र
- सारण जिला का भारत सरकार द्वारा स्वीकृत पहला ऑक्सिजन प्लांट
- सारण में अब नहीं होगी ऑक्सिज की किल्लत
छपरा: छपरा में चिकित्सकीय उपयोग के लिए ऑक्सिजन सयंत्र की स्थापना का सांसद राजीव प्रताप रुडी का प्रयास अब रंग लाया है। संयंत्र की स्थापना वाले राज्य के दस जिला मुख्यालयों में सारण का भी स्थान है। इस आक्सीजन प्लांट की स्थापना के लिए स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रुडी प्रयासरत थे। सारण में 1000 एलपीएम की क्षमता का ऑक्सिजन प्लांट डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजशन (डीआरडीओ) द्वारा लगाया जायेगा। सांसद रुडी ने बताया कि जानकारी मिली है कि अति शीघ्र शुरू होने वाले संयंत्र की स्थापना के लिए आक्सीजन प्लांट के कल पुर्जे शीघ्र छपरा पहुंच जायेंगे। बिहार सरकार द्वारा भूमि के चिन्हांकन के पश्चात डीआरडीओ द्वारा इस संयंत्र की स्थापना की जायेगी। इसके साथ ही प्लांट का सिविल कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा किया जायेगा।
दिनांक 9 मई 2021 को स्वास्थ्य सचिव को प्रेषित अपने पत्र में सांसद रूडी ने जिला मुख्यालयों में ऑक्सिजन प्लांट न लगाये जाने पर सवाल उठाया था। उन्होनं अपने पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा था कि जीवन रक्षक ऑक्सिजन के संयंत्र जिला मुख्यालयों को न देकर अनुमंडल में लगाया जा रहा है, इसका क्या औचित्य है ? उन्होंने मांग की थी कि जिला मुख्यालयों में संयंत्र की स्थापना के लिए त्वरित कार्रवाई की जाय। इस संदर्भ में सांसद ने बिहार सरकार में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव राजेष भूषण से बात भी की थी। विदित हो कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेष भूषण वर्ष 1998 से 1999 तक छपरा के जिलाधिकारी भी रह चुके है।
गत दिनों कोविड 19 से पीड़ितों के इलाज के दौरान ऑक्सिजन की काफी मांग थी। इसकी किल्लत भी हुई जिसको देखते हुए विदेश से भी ऑक्सिजन और ऑक्सिज कंसंट्रेटर का आयात करना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेडिकल ऑक्सिजन के मामले में देश को स्वावलंबी बनाने के लिए देश के विभिन्न नगरों में ऑक्सिजन प्लांट और उत्पादन इकाई बनाने का निर्णय लिया। बिहार के दस जिला मुख्यालयों में ऑक्सिजन प्लांट लगाया जायेगा जिसमें एक प्लांट सारण सांसद रुडी के प्रयास से छपरा सदर अस्पताल के परिसर में लगाया जा रहा है। 150 बेड की क्षमता के साथ इस ऑक्सिजन प्लांट से इस अस्पताल के रोगियों के अलावा जिले के अन्य अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से ऑक्सिजन की सप्लाई हो सकेगी।