परवेज अख्तर/सिवान: कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन में अधिकतर लोग बेरोजगार हो गए है. वही अन्य राज्यों में रहकर मजदूरी करने वाले लोग भी लॉकडाउन के समय अपने घरों पर आकर बैठे हुए और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. ऐसी विकट परिस्थिति में मनरेगा योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है. अन्य राज्यों से आए मजदूर और स्थानीय लोगो व जरूरतमंदों के साथ-साथ लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए मजदूर मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट पालने में लगे हुए है, ऐसे में उन्हें बेरोजगारी का अहसास नहीं हो रहा है और उनका यह विकट समय आसानी से गुजर रहा है.
मनरेगा योजना शुरू होने से गांव के कई गरीब मजदूर और जरुरतमंद लोग रोजी-रोटी का उपाय कर अपने बच्चों का पेट पालना रहे है. वहीं दरौली मुखिया लालबहादुर ने बताया कि पंचायत में सरयु नदी तटबंध पर शिवाला घाट से लेकर गिनारी घाट तक सात लाख रूपये की लागत से मनरेगा से मिट्टीकरण का कार्य शुरू किया गया है. जिसमें एक सौ दस मजदूरों को काम दिया गया है. दूसरी ऒर मनरेगा के तहत दरौली में गोपालपुर बांध का चौड़ीकरण के लिए दस लाख की राशि प्राक्कलित है. उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत दरौली पंचायत के सभी गरीब मजदूर और जरुरतमदों को मनरेगा में रोजगार मिलेगा.