महाराजगंज: सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत घटिया क्वालिटी का चावल राशन दुकानों को सप्लाई हो रहा है. दरअसल चावल बनाने वाले मिलर गुणवत्ताहीन चावल सरकारी गोदाम में पहुंचा रहे हैं. वहां से डीलर चावल का उठावा करते हैं. इस बार के चावल की क्वालिटी घटिया है. एक किलो चावल बनाने पर सरकार 20 से 22 रुपए खर्च करती है. उसके बाद भी लोगों को घटिया चावल मिल रहे हैं.
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अधिकांश लोग यह चावल नहीं खाते हैं. बताया जाता है कि समर्थन मूल्य की खरीदी गई मोटी धान अनुबंधित मिलर्स को चावल बनाने के लिए देती है. वे मिलर चावल बनाकर सप्लाई करते हैं. डीलरों का कहना है कि जो चावल गोदाम से उपलब्ध कराया जाता है. वहीं चावल उपभोक्ता को दिया जाता है. बीच में हम लोग क्या कर सकते हैं.

















