सारण तटबंध के निचली इलाकों में फिर सताने लगा बाढ़ का खतरा

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गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने से दूसरी बार बाढ़ जैसे हालात की संभावनाएं

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छपरा : नेपाल द्वारा वाल्मिकी नगर बराज से छोड़े गए 2.75 लाख क्युसेफ़ पानी से गंडक नदी के जलस्तर में एक बार फिर से बढ़ोतरी होने लगी हैं। सारण तटबंध के निचली इलाकों में बसे लोगों को एक बार फिर से प्रलयकारी बाढ़ का खतरा सताने लगा है। जिससे लोग पलायन करने के जुगाड़ में लग गए हैं। अभी से ही लोग उच्चे स्थानों का देखने के फिराक में हैं। इसी बीच गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर से तरैया और पानापुर प्रखंड के निचले इलाकों में रातों रात एकाएक गंडक का पानी प्रवेश कर गया। पानापुर के निचले इलाके पृथ्वीपुर, सलेमपुर, सोनवर्षा, बसहिया, उभवा, सारंगपुर, रामपुररुद्र 61 एवं तरैया के सगुनी, शामपुर, जिमदाहा, बनिया हसनपुर, चंचलिया दियरा समेत कई इलाकों में गंडक नदी का पानी प्रवेश कर गया हैं। जिस कारण उक्त गांव के लोग पलायन करने को मजबूर हैं।

हालांकि गंडक नदी का पानी धीरे-धीरे बढ़ रहा हैं। जिससे लोग थोड़ी राहत में है, बावजूद निचली इलाकों में बसे लोगों के समक्ष बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, और लोग उच्चे स्थानों पर पलायन करने के मुंड में हैं। आपको बता दें कि पिछले माह एकाएक गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने से गत 19 मई को सारण तटबंध के इन निचली इलाकों में गंडक नदी का पानी प्रवेश कर गया था और पूर्ण रूप से बाढ़ जैसे हालात हो गए थे। जिसके बाद तरैया अंचलाधिकारी अंकु गुप्ता द्वारा सरकारी स्तर पर चंचलिया दियरा में दो नाव की व्यवस्था कर लोगों के आने-जाने के लिए परिचालन किया जा रहा था। लेकिन 24 मई को गंडक नदी का पानी कम होने लगा और स्थिति सामान्य हो गई थी। इधर पुनः एक बार गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने से लोग खतरा को भांपते हुए अभी से ही उच्चे स्थान पर अपना डेरा डालने के फिराक में हैं। फिलहाल स्थिति सामान्य और नियंत्रण में हैं।