परवेज अख्तर/सिवान: वैश्विक महामारी कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए इस बार भी महाराजगंज मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों मे बुधवार को बकरीद कि नमाज मस्जिदों व ईदगाहों पर सामुहिक नमाज नहीं हुई. लोगों ने घरों मे ही नमाज पढ़ी और एक दूसरे को बधाई देकर बकरीद मनाया.कोविंद गाइडलाइंन का हवाला देते हुए लोगों ने शारिरीक दूरी का पालन करते हुए लोगों ने बिना गले मिले एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी. अनुमडंल मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शांति व सौहार्द के साथ अकीदत से घरों में नमाज संपन्न हुई. वहीं मस्जिदों में सिर्फ पांच ही लोगों ने मस्जिदों मे जाकर नमाज अदा की. नमाज के बाद मुल्क में शांति, सौहार्द, मुल्क, की तरक्की व भाईचारा रखने, कोरोना महामारी के खात्मे की दुआ की गई.
ईद उल अजहा को लेकर पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा. अधिकारी खुद जायजा लेते रहे.बुधवार को ईद उल अजहा की नमाज के चलते लोग सुबह से ही नमाज की तैयारियों में लगे थे. शहर के शाही जामा मस्जिद के इमाम मौलाना इसरारुल हक ने बताया कि नियम और कानून को तोड़ने का हक किसी को नहीं है. देश के साथ-साथ लोगों की भलाई के लिए जमात के साथ सामूहिक नमाज अदा नहीं करने की लोगों से अपील भी की गई थी. लोगों ने कोरोना संक्रमण की लड़ाई मे साथ देते हुए घरों मे ही नमाज अदा की. वहीं शहर के नखासचौक स्थित नई मस्जिद के इमाम मौलाना जहांगीर मिस्वाई ने बताते है कि मुस्लिम सम्प्रदाय के लिए ईद खास त्योहार है. वर्ष में दो ईद होती है. एक ईद-उल-फित्र जिसे मीठी ईद कहते हैं. दूसरा ईद-उल-अजहा जिसे बकरीद भी कहते हैं. यह पर्व खास है.