- तीनों मासूम बच्चों को यकीन ही नही हो रहा था की उनके पिता अब इस दुनिया मे नही रहे
- बबलू ने विनीता सिंह को ठुकरा जिंदगी के उस दहलीज पर ले जाकर छोड़ दिए जहां उसके रिमझिम आंखों के आंसू ही सूख गए
- पार्थिव शरीर के दर्शन के बाद अंतिम यात्रा निकली
- अंतिम यात्रा में आम से खास समेत हजारों की भीड़ शमशान घाट तक जुटी रही
परवेज अख्तर/सिवान :
सिवान जिले के लकड़ी नबीगंज प्रखंड के मदारपुर किशुनपुरा निवासी बबलू सिंह का शव पहुँचते ही पूरा गांव मातम में बदल गया।बताया जाता है कि बबलू सिंह राजस्थान के बीकानेर में आर्मी हवलदार के पद पर तैनाद थे। 5 जुलाई को विद्युत गड़बड़ी को ठीक करने के क्रम में हाथ पर विद्युत धारा प्रवाहित तार गिरने से पूरे शरीर मे बिजली दौर जाने के वजह से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। जिनका इलाज दिल्ली आरआर हॉस्पिटल में चल रहा था। बुधवार की रात्रि उनकी मृत्यु हो गई थी। उनकी पार्थिव शरीर को शनिवार करीब 8 बजे सुबह मदारपुर किशुनपुरा पहुंचते ही कई हज़ार लोगों की हुजूम इक्कठी हो गयी। वहीं मलमलिया से मदारपुर तक हज़ारों बाइकों के साथ राष्ट्र के सपूत को जुलूस के साथ उनके घर तक पहुंचाया।
बताया जाता है कि दिल्ली से सूबेदार गजेंद्र सिंह व दानापुर आर्मी छावनी से सूबेदार डोबरा सहित 6 जवानों की मदद से बबलू सिंह का शव उनके पैतृक गांव लाया गया।आर्मी हवादार के अंतिम संस्कार तक हज़ारो की संख्या में लोगों की भीड़ जमी रह गयी।नरहरपुर नहर पर सभी जवानों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार का कार्य किया गया।श्री सिंह अपने माता पिता के इकलौते पुत्र होने के साथ अपने पीछे उन्होंने परिवार में पिता बच्चा सिंह ,माता माया देवी पत्नी विनीता देवी को छोड़ चले।
पुत्र यश कुमार 12 वर्ष, पुत्री सिम्मी 15 व शिल्पी 8 वर्ष अपने पिता के देहांत से बेसुध स्थिति में हैं। बबलू सिंह का शव जैसे ही अपने गांव पहुंचा चारो तरफ चीख पुकार मच गया। उनकी पुत्री पुत्र पत्नी का हाल रो रो कर बुरा हो गया है। वहीं पिता बच्चा सिंह अपने बेटे के जाने का दर्द सहन नहीं कर पा रहे हैं।बार बार वे बेहोश हो रहे है। अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे जहाँ लोगो को भारी भीड़ का सामना करना पड़ा।पूरा परिसर बबलू भईया अमर रहे के नारों के साथ गूंज उठा। जवान का जैसे ही शव अंतिम संस्कार को चला तो क्या हिन्दू और क्या मुस्लिम सभी लोग शामिल हो गए। लकड़ी नबीगंज ओपी थाना एवं बसंतपुर थाना दल बल के साथ विधि व्यवस्था में लगा रहा। साथ हीं प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारी मौजूद थे। गोरेयाकोठी प्रमुख अशोक सिंह, लोजपा नेता अनिल पासवान, मुखिया प्रतिनिधि फिरोज आलम, समाजसेवी इंजीनियर सद्दाम हुसैन समेत अन्य लोग शामिल हुए।
सेना के जवान के अंतिम-यात्रा में जुटा जनसैलाब:
किशुनपुरा गांव के भारतीय सेना में तैनात जवान बब्लू कुमार सिंह का शव शनिवार की सुबह पैतृक गांव किशुनपुरा पहुंचते ही कोहराम मच गया.पत्नी विनीता सिंह, माँ माया देवी, पिता बच्चा सिंह पार्थिव शरीर से लिपट कर विलाप करने लगे. शहीद जवान के शव से लिपट कर विलाप कर रहे परिजनों को देख अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी लोगों की भीड़ भी रो पड़ी. इधर शहीद के बेटे यश, बेटी सिम्मी व शिल्पी पिता के शव को देख बेसुध हो गए. शहीद के तीनों मासूम बच्चों को यकीन ही नही हो रहा था की उनके पिता अब इस दुनिया मे नही रहें.शहीद के पार्थिव शरीर के दर्शन के बाद अंतिम यात्रा निकली.
अंतिम यात्रा में आम से खास समेत हजारों की भीड़ शमशान घाट तक जुटी रही.इस दौरान जुटी भीड़ से वीर शहीद के नाम के नारे गूंजते रहे. शवयात्रा किशुनपुरा से नरहरपुर नहर पुल पर पहुंचा. जहां शहीद का शव लेकर राजस्थान के बीकानेर से किशुनपुरा पहुंचे सेना की टुकड़ी ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर अपने जवान को श्रद्धांजलि दी. उसके बाद शहीद के सम्मान में शव लेकर पहुंची सेना की टीम ने अंतिम सलामी दी. उसके बाद शहीद के बेटे यश ने उन्हें मुखाग्नि दी.मुखाग्नि के बाद शहीद जवान इतिहास के पन्नो में दर्ज हो गए.