परवेज अख्तर/एडिटर-इन-चीफ:
मशरक से गुजरने वाली एस एच-90 और 73 पर लगातार तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आकर प्रतिदिन लोग घायल हो जातें हैं सभी घायलों को आनन फानन में इलाज के लिए सीएचसी मशरक में भर्ती कराया जाता है। जहां कोई सुविधा उपलब्ध नही होने से ज्यादातर लोगों को उपचार के लिए सदर अस्पताल छपरा भेजा जाता है जिससे सड़क दुघर्टना में जख्मी लोग का समय पर इलाज बेहतर इलाज नही होने और घायलों को 40 किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर छपरा ले जानें में अधिकांश की रास्ते में ही मौत हो जाती है या विकलांग होकर जीवन जीतें हैं। यदि मशरक सीएचसी में ट्रामा सेंटर होता तो सड़क दुघर्टना में जख्मी अधिकांश लोगों की जान बचाई जा सकती है। जिसके लिए महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल से वर्षों पहले मशरक में एक ड्रामा सेंटर स्थापित करने के लिए स्थानीय भाजपा अध्यक्ष बीरबल प्रसाद कुशवाहा और किसान मोर्चा महामंत्री रविरंजन सिंह उर्फ मंटू की मौजूदगी में एक टीम ने उन्हें ज्ञापन सौंपा था जिस पर उन्होंने भरोसा दिलाया कि ट्रामा सेंटर की स्थापना की जाएगी, पर वर्षों बीत गए पर मामला जस का तस पड़ा हुआ है।
वही मशरक सीएचसी जो कागजों में ही पीएचसी से सीएचसी में अपग्रेड कर दिया गया वही सुविधाओं में कोई इजाफा नही हुआ।यदि सीएचसी में ट्रामा सेंटर बना दिया जाए तो मशरक थाना क्षेत्र से गुजर रही एस एच-90 और 73 पर हो रही सड़क दुघर्टना में घायलों का इलाज करने में मदद मिलेगी साथ ही छपरा जिला के तरैया, पानापुर, इसुआपुर सिवान जिले के भगवानपुर, बसंतपुर, लकड़ी नवीगंज ओपी गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में जख्मी लोगों को इलाज कराने में फायदा साबित होता।जख्मी लोगों का ट्रामा सेंटर में बेहतर उपचार हो सकता और उनकी जान बच सकती है, लेकिन ट्रामा सेंटर नहीं होने से जख्मी का समय रहते बेहतर उपचार नहीं हो पा रहा है। इससे आए दिन सड़क दुर्घटना में जख्मी लोगों की मौत हो जा रही है।