- सदर अस्पताल में चार माह में 947 शिशुओं का हुआ जन्म
- कोरोन काल में 24 जुड़वा शिशुओं की गूंजी किलकारी
- महामारी में भी जच्चा-बच्चा को मिली बेहतर स्वास्थ्य सुविधा
छपरा: कोरोना की वजह से भले ही एक ओर लगातार डराने वाली खबरें आती रही हैं। लेकिन दूसरी ओर कुछ सुखद खबरें भी आई हैं। वैसे तो बच्चों का जन्म लेना अनवरत प्रकिया है। लेकिन बात जब कोरोना काल में बच्चे के जन्म से संबंधित हो तो वो खास हो जाता है। जी हां, अप्रैल और मई के महीने में जहां जिले में कोरोना पूरे पिक पर था, हर ओर मातम ही मातम पसरा था। ऐसे में छपरा सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में नवजात भी जन्म ले रहे थे। कोरोना काल में भी सदर अस्पताल में जो गर्भवती महिला मां बनी उसका अच्छे तरीके से ट्रीटमेंट हुआ और मां एवं बच्चे दोनों स्वस्थ घर लौटे।
मार्च माह से लेकर जून तक सदर हॉस्पिटल में 974 बच्चों ने जन्म लिया
केयर इंडिया के बीएम अमितेश कुमार ने बताया कि मार्च माह से लेकर जून तक सदर हॉस्पिटल में 974 बच्चों ने जन्म लिया है। वहीं अगर कोरोना की दूसरी लहर के कुछ महीने पूर्व की बात करें तो जनवरी में 364, फरवरी 335 शिशुओं ने जन्म लिया। वहीं इस कोरोना महामारी के दौर में छपरा सदर अस्पताल में जनवरी से लेकर जून माह तक 24 जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ है। जन्म के 1 घन्टे के भीतर शिशुओं को स्तनपान कराया जा रहा है। साथ ही 6 माह तक बच्चे को सिर्फ स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। माँ का दूध शिशु को कई तरह के संक्रमण से बचाव करता है । माँ के दूध में एंटीबॉडी होते हैं जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए माताओं को सुरक्षित तरीके से स्तनपान कराने एवं बच्चों की देखभाल करने की भी हिदायत दी जा रही है।
कोरोना काल में भी दी गयी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं तथा स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं । जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने वह अस्पताल से ले जाने के लिए नि: शुल्क एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध है। शिशु रोग विशेषज्ञ जच्चा और बच्चा दोनों की देखभाल के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के साथ ही प्रसूताओं को नवजात को स्तनपान जरूर कराने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं । ताकि नवजात शिशु के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक विकसित हो सके।
स्तनपान माँ और शिशुओं के लिए महत्वपूर्ण
सिविल सर्जन डॉ. जर्नादन प्रसाद सुकुमार ने कहा कि स्तनपान एक मां और नवजात के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। कोरोना काल में मां के लिए नवजात को स्तनपान कराने की सबसे चुनौती उस समय है, जब मां या फिर बच्चे में से कोई एक संक्रमित हो, लेकिन इस संकट काल में मां ने जो जज्बा दिखाया उसके आगे कोरोना हार गया। स्तनपान कराते समय माताओं को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। इस दौरान साफ-सफाई बहुत ही आवश्यक है। दूध पिलाते समय मास्क जरूर लगाएं।
क्या है आंकड़ा: (जनवरी 2021 से जून 2021 तक) सिर्फ सदर अस्पताल…
- जनवरी- 364
- फरवरी- 335
- मार्च- 345
- अप्रैल- 281
- मई- 142
- जून- 179
इन बातों का रखें ध्यान
- शिशु को स्तनपान कराने के दौरान सांस संबंधित स्वच्छता (हाईजीन) के नियमों का पालन करें| यदि माता को सर्दी या खांसी जैसे कोई भी लक्षण हो तो शिशु को स्तनपान कराने के दौरान मास्क का इस्तेमाल करें |
- नवजात शिशु को छूने से पहले और बाद में हाथ जरूर धोएं| यह नियमित रूप से हर बार करें |
- बच्चे को लेकर घर या अस्पताल में जिन भी जगहों पर आप जा रहे हैं, वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें|