परवेज अख्तर/सिवान: चारु मजूमदार के शहादत दिवस भाकपा माले कार्यालय संजय भवन खुरमावाद सिवान में जिला सचिव हंसनाथ राम की अध्यक्षता में हुआ. जिसमें कॉमरेड चारु मजमुदार के जीवन पर प्रकाश डालते हुए भाकपा माले के जिला सचिव हंसनाथ राम ने कहा कि महान तेभागा किसान आन्दोलन और तेलंगाना सशस्त्र किसान आन्दोलन से प्रेरित माकपा में मौजूद क्रांतिकारियों ने चारु मजूमदार के नेतृत्व में चीनी क्रांति के तर्ज पर मुक्त क्षेत्र और क्रांति कारी सत्ता के निर्माण के लिए पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिला के नक्सलबाड़ी में राज सत्ता के खिलाफ किसानों का ऐतिहासिक सशस्त्रविद्रोह शुरू कर दिया. अवसरवादी और संसोधवादी की वर्चस्वशाली वाली बंगाल की सरकार ने विद्रोह को कुचलने के लिए क्रूर दमन शुरू किया.
तब पार्टी में मौजूद क्रान्तिकारियों ने नक्सलबाड़ी के समर्थन में चारु मजूमदार के नेतृत्व में क्रांतिकारी कम्युनिस्टों की अखिल भारतीय समन्वय समिति में सन्गठित कर लिया. उसके बाद पूरे देश में क्रांतिकारियों और अवसरवादियों के बीच सन्घर्ष काफी उग्र हो गया. क्रान्तिकारी लगातार एकजुट होते गए और टूटकर नक्सली मूवमेंट से जुड़ते रहे और यही समिति आगे चलकर सीपी आई, माले में विकसित हो गयी और चारु मजूमदार उसके संस्थापक महासचिव बने. माले के जिला कमेटी सदस्य व आइसा जिला अध्यक्ष विकास यादव ने कहा कि चारु ने कहा था कि जनता के स्वार्थ ही पार्टी का स्वार्थ है, हम गोली से मरेंगे भूख से नहीं. मौके पर आइसा जिला सचिव अनिस कुमार, कदम रसूल, रामाजी मुखिया, गौतम पांडे, विजय गुप्ता, अजित, पीयूष, राजदेव आदि लोग मौजूद रहे.