पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में अधिकांश मामले पुलिस और जमीन से जुड़े आ रहे। मठ की जमीन पर अवैध कब्जा को लेकर एक शख्स ने शिकायत की। उन्होंने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शिकायत दर्ज कराया कि धार्मिक न्याय बोर्ड ने जमीन कब्जा करने वाले लोगों को ही मठ की कमेटी का सदस्य बना दिया है। सजायाफ्ता को कमेटी का मेंबर बना दिया गया। सीएम नीतीश यह बात सुन गुस्से में आ गये। उन्होंने अपने प्रधान सचिव से कहा यह कैसे हो गया? यह कैसे किया..यह तो विचित्र बात है। जिसने मठ की जमीन को कब्जा किया उसी को मठ की कमिटि का सदस्य बना दिया गया। यह कैसे हो गया….। मुख्यमंत्री ने अपने प्रधान सचिव को कहा कि कहिए चीफ सेक्रेट्री को की तुरंत बात करें।
जमुई से आये एक शख्स ने मुख्यमंत्री से पूर्व मंत्री के एक रिश्तेदार पर जमीन कब्जा का आरोप लगाया। जमुई के एक युवक ने सीएम नीतीश के जनता दरबार में कहा कि जमुई में हमारी जमीन का कब्जा किया जा रहा है। उस शख्स ने सीएम नीतीश से कहा कि पूर्व मंत्री दामोदर रावत के साले ने दबंगई कर कब्जा कर लिया है। पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को इस मामले को देखने को कहा।
एक पत्रकार की पत्नी ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई। मोतिहारी के पताही से आये एक अखबार के पत्रकार नीरज सिंह की पत्नी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिकायत की। पत्रकार की पत्नी ने सीएम से कहा कि हमारे पति को साजिशन हत्या के एक मुकदमे में फंसा दिया गया है। वहां के स्थानीय डीएसपी की विरोधियों से मिलीभगत है। जानबुझकर उनके पति को फंसाया गया है। मुख्यमंत्री ने आवेदिका की बात सुनकर डीजीपी से पास भेज दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप वहां जाकर पूरी बात बताइए वो इस मामले को देखेंगे।
नवादा के युवक ने डीएसपी की खोल दी पोल
नवादा से आये एक शख्स ने शराबबंदी और पुलिस की पोल खोल दी। युवक ने सीएम नीतीश से कहा कि रजौली के डीएसपी और इंस्पेक्टर की शराब माफियाओं से मिलीभगत है। माफियाओं से मिलकर हमें झुठे केस में फंसा दिया है। हर रविवार को डीएसपी-इंस्पेक्टर सरकारी गाड़ी से कोड़रमा जाते हैं। इसकी जांच कराइए। इस पर मुख्यमंत्री ने युवक को डीजीपी के पास भेज दिया।
चीफ सेक्रेट्री साहब इधर आइए….
सीएम नीतीश ने जनता दरबार में मौजूद मुख्य सचिव को तलब किया। उन्होंने कहा कि ये चीफ सेक्रेट्री साहब सुनिये इधर……। इसके बाद मुख्य सचिव तुरंत हाजिर हुए। मुख्य मंत्री ने कहा कि भूदान की जमीन को लेकर 2018 में ही पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमिटि का गठन किया गया था। लेकिन आज तक उसकी रिपोर्ट नहीं आई। कमिटि ने अब तक क्या किया,कितना काम हुआ इसकी समीक्षा करिये। क्यों कि काफी पहले ही भूदना की जमीन को लेकर कमेटी बनाई गई और कोई रिपोर्ट नहीं आई। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और अफने प्रधान सचिव को इस मामले को देखने को कहा।
शिकायत से परेशान मंत्री ने चीफ सेक्रेट्री को किया तलब
आज जनता दरबार में कई ऐसे मामले आये जिसमें यह बात सामने आई कि लोक शिकायत में पारित आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा। लगातार यह शिकायत मिलने के बाद सीएम नीतीश अचंभित हो गये। उन्होंने कहा कि हाल ही में मीटिंग हुई तब तो इस तरह के मामले नहीं आये। अब हमने जनता दरबार शुरू किया तो इस बात की जानकारी मिल रही कि अंचल अधिकारी व अन्य अधिकारी आदेश का पालन नहीं कर रहे। आज सवा घंटे में 6-7 मामले सामने आ गये। यह तो काफी चिंता विषय है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने चीफ सेक्रेट्री को बुलाया और कहा कि देखिए यह क्या हो रहा है। आप लोग इस मामले को देखिए। हम भी इस मामले को एक दिन देखेंगे।
सीएम नीतीश ने अफसर को लगाया फोन
मुजफ्फरपुर से आये इस शख्स की बात सुन कर मुख्यमंत्री ताव में आ गये। तुरंत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाया और कहा कि तुरंत इसको दिखवाइए। युवक कह रहा कि जनता दरबार जाने की बात कहने पर वहां का अधिकारी कहता है कि प्रधानमंत्री के यहां जाओ। यह कह रहा कि बिना पैसे का कुछ नहीं होता। इसकी जांच करवाइए और कार्रवाई करिए।
दरअसल एक युवक मुख्यमंत्री से शिकायत किया कि उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। इसको लेकर हम हर जगह गये लेकिन न्याय नहीं मिला। थाना वाला मिला हुआ है। शख्स ने कहा कि हम कहां जायें आप ही बताइए… कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। यह कहकर युवक फुट-फुट कर रोने लगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस मामले में कार्रवाई करने को कहा।