पटना: अररिया जिले के महलगांव थाना के चैनपुर गांव में पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की ही गला दबाकर हत्या कर दी। कहा जाता है कि मामले को छुपाने के लिए कुछ लोगों की सहमति से आनन-फानन शव को दफना दिया गया। हालांकि घटना 31 जुलाई की देर रात की है। मगर मामला तब प्रकाश मे आया जब मृत युवक नौशाद आलम की मां बीबी साबरा ने महलगांव थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। थानेदार गुलाम शाहबाज आलम के नेतृत्व में मजिस्ट्रेट के रूप में प्रतिनियुक्त बीडीओ मो सिकंदर की मौजूदगी में चार दिन बाद गुरुवार की शाम कब्र से शव निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। इधर मृतक की मां की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में बहु शमा प्रवीण, ओबैदुल्लाह उर्फ मुन्ना, हासिम, संजीदा, वसीक, रहीम, साकिब को नामजद किया गया है।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि घटना की रात मृतक की मां साबरा अपने मायके मजगामा गांव में थी। उन्हें किसी ने मोबाइल पर बताया कि नौशाद की मौत हो गई है। मां ने बेटे की मौत सुनकर भागते हुए घटनास्थल पर पहुंची। बेटे को मृत अवस्था में देखकर होश खो बैठी। मां ने बेटे को मजगामा में दफन कराने की बात कही। इस बात पर हत्यारोपियों ने मिलकर शव को मजगामा ले जाने से मना कर दिया। जब मृतक का बदन नहाने के लिए खोला गया तो उनके गले और गर्दन में जख्म के निशान व गंजी में खून के धब्बे भी थे।
इस पर मां ने कहा कि उसका बेटे की हत्या हुई है। तब मृतक के मामा और कुछ खास लोगों ने मिलकर जब उनकी बहू से पूछा तो बहू ने ओबैदुल्लाह उर्फ मुन्ना के साथ मिलकर हत्या कर दी। मुन्ना ने नौशाद की पत्नी से कहा कि इसकी हत्या कर दो, बाद में हमलोग शादी कर लेंगे। मां का कहना है कि उनके मना करने पर भी जबरन उस रात शव को कब्रिस्तान में दफना दिया गया। महलगांव थानेदार गुलाम शाहबाज आलम ने बताया कि हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। सभी फरार हैं।