- नदी के एक सप्ताह से खतरे के निशान से ऊपर रहने से दरौली के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में हड़कंप मच गया है
- नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से तटबन्ध को कोई खतरा नहीं
- दरौली के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में हड़कंप मचा
- 06 लाख क्यूसेक पानी की सरयू की क्षमता
- 61 मीटर 74 सेमी तक पहुंच गया था जलस्तर
परवेज अख्तर/सिवान: सरयू नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी के बाद बुधवार को जलस्तर स्थिर है। जलस्तर खड़े होने के बाद भी दरौली में खतरे के निशान 60 मीटर 82 सेंटीमीटर से 28 सेमी ऊपर 61 मीटर 10 सेमी पर बह रही है। केंद्रीय जलसूचना आयोग के अनुसार एल्गिन ब्रिज से मिले अनुमान के अनुसार अभी जलस्तर अगले 24 घंटे तक स्थिर रहेगा। इधर सरयू नदी के गोगरा तटबन्ध पर लगातार बाढ़ विभाग के अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता, कनीय अभियंता निरीक्षण कर रहे हैं। कनीय अभियंता डॉ. रत्नेश मिश्रा ने बताया कि नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करने के बाद भी सुरक्षित है। तटबन्ध पर लगे 32 स्लुईस गेट को बंद रखा गया है। इधर अभी नदी के एक सप्ताह से खतरे के निशान से ऊपर रहने से दरौली के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में हड़कंप मच गया है। उधर तटवर्ती लोगों का कहना है कि सरयू नदी 22 साल बाद जिले में एक बार फिर से भयानक रूप में दिख सकती है।
नदी के बढ़ते जलस्तर से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। केन्द्रीय जल सूचना आयोग के अनुसार सरयू नदी का जलस्तर पिछले एक सप्ताह से लगातार बढ़ रहा है। नदी का लगातार बढ़ता जलस्तर जिले में आई 1998 की बाढ़ की याद दिला रहा है। उस समय नदी का जलस्तर 61 मीटर 74 सेमी तक पहुंच गया था। जिससे कई गांव बाढ़ की चपेट में आए थे। बाढ़ विभाग के जेई डॉ. रत्नेश मिश्रा ने बताया कि सरयू नदी की छह लाख क्यूसेक पानी की क्षमता है। नदी की चौड़ाई सात किलोमीटर होने से पानी का फैलाव हो जाता है। जिससे तेज धारा नहीं होती है। जिससे नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से तटबन्ध को कोई खतरा नहीं है। फिलहाल तीन लाख के करीब क्यूसेक पानी सरयू नदी में है। जब छह लाख क्यूसेक से ऊपर होगा तब परेशानी बन सकती है।