- पहलाम के दिन जहां पर भीड़ जुट रही थी, उस जगह पर भीड़ को नियंत्रित करते हुए जगह खाली करा दी जा रही थी
- इमाम चौक से तजियादार मिट्टी लेकर पहुंचे थे कर्बला
- जिले में नहीं निकला गवारा और पहलाम का जुलूस
- 08 बजे तक चलता रहा कर्बला पहुंचने का शुरू हुआ सिलसिला
- 01 बजे रात से धीरे-धीरे इमाम चौक पर फातेहा पढ़ ताजिया रखा
परवेज अख्तर/सिवान: शहर में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल. के नवासे हजरत इमाम हुसैन अलै. की शहादत की याद में मनाया जाने वाला पर्व मोहर्रम मनाया गया। प्रशासनिक निर्देश का पालन करते हुए गवारा व पहलाम के दिन जुलुस नहीं निकाला गया, बावजूद लोगों के उत्साह में कमी नहीं देखी गई। इधर, मोहर्रम को लेकर शुक्रवार की शाम में पहलाम के दिन शहर के पुराना किला व नया किला समेत सभी इमाम चौक से तजियादार कम तादाद में मिट्टी लेकर कर्बला पहुंचे। सबसे पहले शहर के दक्खिन टोला स्थित सैयदानी चौक से तजियादार मिट्टी लेकर कर्बला पहुंचे। इसके बाद सभी इमाम चौक सव मिट्टी लेकर कर्बला पहुंचने का शुरू हुआ सिलसिला रात 8 बजे तक चलता रहा। सुरक्षा के मद्देनजर शहर के सभी मोहल्ले में मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी।
शहर के नया किला मैदान समेत जगह-जगह पुलिस बल भी तैनात किए गए थे। पहलाम के दिन जहां पर भीड़ जुट रही थी, उस जगह पर भीड़ को नियंत्रित करते हुए जगह खाली करा दी जा रही थी। इससे पहले शक्रवार की रात शहर के पुराना किला, नया किला, एमएम कॉलोनी, शेख मोहल्ला, हाफिजी चौक, कागजी मोहल्ला, चमड़ा मंडी, नवलपुर समेत सभी इमाम चौक पर गवारा की रात फतेहाखानी होता रहा। हालांकि जुलूस निकालने पर प्रतिबंध था, फिर भी पूरी अकीदत के साथ ताजिया भी बनाया गया था। गवारा के दिन रात में जुलूस नहीं निकला। रात में एक बजे से धीरे-धीरे इमाम चौक पर फातेहा पढ़कर लोगों ने ताजिया रखा। यह सिलसिला फजर के नमाज तक जारी रहा। लोग ताजिया बनाकर फातेहा पढ़ने के बाद ताजिया को इमाम चौक पर रख दिए।