लखीसराय: प्यार में साथ मरने की कसमें तो ठीक हैं लेकिन किसी की जान लेना रिश्तों को कलंकित कर देना है। ऐसी ही कलंक कथा जिले के हलसी थाना क्षेत्र अंतर्गत गौरा गांव में 15 अगस्त की रात हुई सुरेंद्र यादव की हत्या से जुड़ी है। पति की हत्या के बाद मृतक की पत्नी गुलफूल देवी ने घटना को नाटकीय मोड़ देते हुए हलसी थाना क्षेत्र के गौरा के दिलीप कुमार, कैंदी के दो भाई राजेश कुमार एवं दिनेश महतो एवं दो अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने जब इस हत्याकांड की वैज्ञानिक तरीके से जांच की तो यह सामने आया कि मृतक सुरेंद्र यादव की हत्या उसकी पत्नी गुलफूल देवी ने ही अपने देवर रविंद्र यादव के साथ मिलकर शूटर से कराई थी।
सुरेंद्र की हत्या एक के बाद एक कई गोली मार कर की गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हत्याकांड के वादिनी सह मिर्तक की पत्नी गुलफूल देवी, उसके देवर रविंद्र यादव के अलावा शूटर हलसी थाना के कोली के सुनील कुमार मिस्त्री उर्फ कंप्यूटर एवं बहछा के रुदल ढारी को गिरफ्तार कर शनिवार को जेल भेज दिया है। शनिवार को एसपी सुशील कुमार ने अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों के समक्ष सुरेंद्र यादव हत्याकांड का पर्दाफाश किया। बताया कि सुरेंद्र यादव की पत्नी गुलफूल देवी का अपने देवर रवींद्र यादव से 10 वर्षों से अवैध संबंध था। देवर भाभी की प्रेम कहानी में सुरेंद्र यादव रोड़ा बना हुआ था। सुरेंद्र की पत्नी ने अपने प्रेमी देवर रविंद्र यादव से मिलकर हत्या की योजना बनाई।
रविंद्र यादव ने एक लाख 61 हजार रुपये में दो शूटर सुनील और रुदल से सौदा किया। इसके बाद 15 अगस्त की रात सुरेंद्र यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उन्हें चार गोली मारी गई थी। गिरफ्तार सभी आरोपितों ने यह स्वीकार भी किया है। एसपी ने बताया कि मृतक की पत्नी ने जिन तीन लोगों के विरुद्ध इस हत्याकांड में केस दर्ज कराया था। वे तीनों का इस हत्याकांड से कोई लेना-देना नहीं है। पूरी घटना में मृतक की पत्नी और भाई ने अहम भूमिका निभाई है।
एसपी ने बताया कि एसडीपीओ रंजन कुमार के साथ हलसी थानाध्यक्ष अवधेश कुमार, रामगढ़ चौक थाना अध्यक्ष अरविंद कुमार एवं डीआइयू की टीम ने जांच करके हत्याकांड का पर्दाफाश किया। पुलिस ने दोनों शूटर को जमुई जिला के मलयपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। इसमें मलयपुर थाना के विजय कुमार के साथ जमुई जिले कि डीआइयू टीम और तकनीकी शाखा के सब इंस्पेक्टर राजवर्धन का सराहनीय योगदान रहा।