पटना: बीते 48 घंटे से नेपाल और उत्तर बिहार, कोसी, सीमांचल व पूर्वी बिहार के जिलों में हुई भारी बारिश से गंडक, बागमती, कमला, कोसी समेत अन्य नदियां उफना गई हैं। इससे राज्य में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नदियों में बढ़ते जलस्तर के कारण शनिवार को चंपारण व मिथिलांचल के कई गांवों में बाढ़ का संकट खड़ा हो गया।
गोपालगंज, सारण और वैशाली में भी गंडक उफान पर हैं। गोपालगंज में जलस्तर में प्रति घंटे 5 सेंटीमीटर की वृद्धि हो रही है। जिले में 40 गांव फिर बाढ़ से घिर गए हैं। अब तक तटवर्ती गांवों के दो हजार घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। शुक्रवार की सुबह वाल्मीकिनगर बराज से छोड़ा गया 4 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी जिले होकर गुजरने लगा है।
शनिवार को भी 2.70 लाख क्यूसेक पानी वाल्मीकिनगर बराज, जबकि 2.17 लाख क्यूसेक पानी कोसी बराज से छोड़े जाने से स्थिति भयावह हो गई है। इधर, सारण में डबरा नदी का बांध टूटने से दर्जनभर गांव जलमग्न हो गए हैं। उत्तर बिहार में बाढ़ से सवा लाख आबादी प्रभावित हुई है।
बगहा में गंडक का उफान जारी रहने से दो सौ से अधिक घरों में पानी घुस गया है। पूर्वी चंपारण के आधा दर्जन प्रखंडों की 70 हजार की आबादी प्रभावित हो गई है। सुगौली शहर के निचले इलाके तक बूढ़ी गंडक का पानी पहुंच चुका है। मधुबनी में कोसी, कमला, भुतही बलान के साथ गेहूंमा नदी भी उफना गई है।
सीतामढ़ी और शिवहर में एनएच 104 पर कई जगह बागमती का पानी चढ़ गया है। मुजफ्फरपुर में बागमती, गंडक व बूढ़ी गंडक नदियों में पानी चढ़ गया है। समस्तीपुर में गंगा का जलस्तर पिछले 18 घंटे में पांच सेंटीमीटर बढ़ा है। शनिवार को कमला-बलान, बागमती एवं अधवारा समूह की नदियों में उफान के कारण हायाघाट प्रखंड मुख्यालय जाने वाली हायाघाट-अशोक पेपर मिल मुख्य सड़क पानी में डूब गई।
प्रखंड का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया। मधुबनी में कोसी, कमला व भुतही बलान नदी उफना गई हैं। मधेपुर के दियारा क्षेत्र में बाढ़ का पानी फैल गया है। प्रखंड क्षेत्र की करीब 25 हजार की आबादी बाढ़ से घिरी है। सीतामढ़ी में बागमती नदी का जलस्तर ढेंग, सोनाखान व डुब्बाघाट, चंदौली व कटौझा और शिवहर के बेलवा नरकटिया सहित कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।
एनएच 104 के सुरसंड-सीतामढ़ी पथ पर कुम्मा और कोला पुल के पास बागमती का पानी चढ़ने से आवागमन ठप है। सुपौल में कोसी में पानी का डिस्चार्ज सामान्य है लेकिन नेपाल से आने वाली तिलयुगा और खड़क नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है।