बिहार में पंचायत चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए बिहार पुलिस मुख्यालय ने खास रणनीति बनाई है। चुनाव में बूथ लूट और हिंसा के लिए बदनाम और संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर उनका नजरी नक्शा तैयार किया जा रहा है, ताकि उन इलाकों में सुरक्षा की फुलप्रूफ प्लानिंग की जा सके। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय इसकी तैयारियों में जुट गया है। निर्वाचन आयोग ने हिंसामूक्त और शांतिपूर्ण पंचायत चुनाव संपन्न कराने को लेकर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चेतन्य प्रसाद को पत्र लिखा है। गृह विभाग के साथ डीजीपी को पत्र लिखा गया है। पत्र के माध्यम से आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।
नक्सल प्रभावित इलाकों पर रहेगी खास नजर
पंचायत चुनाव को लेकर पूर्व में हुई घटनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई गई है। इन सूचनाओं के आलोक में आयोग ने आगाह किया गया है कि मतदान के दौरान कोई हिंसक या गैरकानूनी घटना नही हो। आयोग ने कहा है कि समय रहते पूर्व से चिन्हित उपद्रवी और असामाजिक तत्वों को कानून के दायरे में लाकर कार्रवाई शुरु कर दिया जाए। विगत वर्षों के पंचायत चुनाव के दौरान जहां-जहां मतदान के पहले या मतदान के दौरान हंगामा, उपद्रव, बूथ लूट या अन्य प्रकार से चुनाव प्रभावित करने की घटनाएं हुई हैं, वहां विशेष स्ट्रैटजी से काम किया जाए। नक्सल प्रभावित इलाकों पर विशेष निगरानी रखने का निर्देश आयोग ने दिया है। उन सभी इलाकों का नजरी नक्शा तैयार करके सुरक्षा बलों को इसकी जानकारी दे दिया जाए ताकि आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षा बलों को उन इलाकों तक पहुंचने में देर नही हो।
नगद या सामान बांटने वालों पर सख्त कार्रवाई, शराबबंदी कानून का हो पूर्ण अनुपालन
पुलिस को कहा गया है कि अपने अपने इलाके के फरारी, वारंटी, जमानत भंग, 107 के आरोपियों पर कार्रवाई शुरु करे। जिन लोगों पर चुनाव के दौरान या उसके बाद अशांति फैलाने की आशंका हो उन्हें पहले से बाउन्ड डाउन करा लिया जाए। इसके अलावे शराबबंदी कानून को सख्ती से लागु करने का निर्देश दिया गया है। वोट प्रभावित करने की नीयत से चुनाव के दौरान नगद या सामान बांटने वालों पर भी सख्त कार्रवाई का निर्देश है। ऐसी सूचना पर तुरंत छापामारी किया जाए। लाइसेंसी हथियारों के सत्यापन का भी शत-प्रतिशत अनुपालन किया जाएगा।