पटना: नशीली दवाओं के शिकंजे में फंस चुके युवाओं को इसकी गिरफ्त से बाहर निकालने के लिए बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बेहतरीन पहल शुरु हुई है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार की पहल पर जिले के तीन बड़े कॉलेजों में एन्टी ड्रग्स क्लब की स्थापना की जा रही है। अच्छी बात यह है कि यहां के छात्र-छात्राओं को ही क्लब का सदस्य बनाया जाएगा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार और बिहार विधिक सेवा प्राधिकार के तय कार्यक्रमों के तहत इन क्लबों का संचालन किया जाएगा।
एमआईटी, एसकेएमसीएच और आरपीएम कॉलेज का क्लब के लिए चयन
जिले में एमआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज, एसके मेडिकल कॉलेज और रघुनाथ पांडे मेमोरियल कॉलेज का चयन किया गया है। क्लब की शुरुआत रघुनाथ पांडे मेमोरियल कॉलेज बेला से किया जाएगा। इन कॉलेजों में बड़ी संख्या में युवक और युवतियां पढ़ते हैं जो ड्रग्स के प्रति वल्नरेबल होते हैं। इन कॉलेजों के प्रिंसिपल की देखरेख में क्लब का संचालन किया जाएगा जिसमें छात्र-छात्राएं बतौर मेंबर काम करेंगे। बढ़ती उम्र के युवाओं को ड्रग्स के दुष्परिणाम के प्रति जागरुक किया जाएगा ताकि वे इसके शिकार नही बनें। नशे की लत में पड़ चुके लोगों का हर प्रकार से सहयोग किया जाएगा। जरुरतमंद छात्रों को नि:शुल्क विधिक सहायता भी दिलाया जाएगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव एवं अपर जिला व सत्र न्यायाधीश राजीव रंजन सिंह ने बताया कि चयनित तीन कॉलेजों में एन्टी ड्रग्स क्लब खोलने की तैयारी जारी है। स्थानीय स्तर पर काम कर रही एक संस्था के आंकड़ों के मुताबिक, युवाओं में गांजा और ड्रग्स की लत बढ़ती जा रही है जिसमें 15 से 25 वर्ष आयु वर्गके बच्चे शिकार हो रहे हैं। नशा मुक्ति केन्द्रों में आने वाले 80 प्रतिशत बीमार युवा उम्र के हैं।